5 Rules : आयुर्वेद के 5 नियम जो सभी को खाने में शामिल करने चाहिए

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ayurveda healthy food rules

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रोजाना खान-पान को लेकर हम कई ऐसी गलतियां करते हैं जिनकी वजह से हमें फायदे की जगह नुकसान होता है.

नई दिल्ली: कई बार खान-पान से जुड़ी छोटी-छोटी गलतियां आपको नुकसान पहुंचा सकती हैं. इसलिए आयुर्वेद में खान-पान से जुड़े ऐसे कई नियम बताए गए हैं, जिन्हें अपनाकर आप स्वस्थ रह सकते हैं.

सब्जियों को करें स्टीम या हाफ बॉयल

सब्जियों को बहुत देर तक पकाकर न खाएं. ज्यादा देर तक पकाने से सब्जियों से पोषक तत्व कम होते हैं. हालांकि ये भी ध्यान रखें कि सब्जियां कच्ची न रह जाएं. कच्ची सब्जियां भी आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाती हैं. सब्जियों को इस तरह बनाएं कि उनमें कच्चापन भी न रहे और वो ज्यादा गलें भी नहीं. स्टीम या हाफ बॉयल सब्जियां भी फायदेमंद होती हैं.

आटे को छानकर कभी यूज न करें

गेहूं के ब्राउन वाले भाग में सबसे ज्यादा फाइबर होता है. जब भी आप आटे का इस्तेमाल करें, इसे बिना छाने इस्तेमाल करें. चोकर वाला आटा सेहत के लिए अच्छा माना जाता है.

कभी न खाएं ठंडा खाना

ठंडा खाना खाने से पाचन क्रिया कमजोर होती है. इस बात का ध्यान भी रखें कि पूरा पेट भर कर कभी न खाएं. आयुर्वेद के अनुसार भरपेट न खाने से भोजन आसानी से पचता है.

मीठी चीजें कम खाएं

मीठी चीजें कम ही खाने की कोशिश करें. मीठे के विकल्प के तौर पर शहद या गुड़ का इस्तेमाल कर सकते हैं. यह आपको डायबिटीज जैसे रोगों से बचाता है.

भूनकर पीस लें कच्चे मसाले

खड़े मसालों को भूनकर और पीसकर इनका इस्तेमाल करें. इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. बरसात के मौसम में अदरक को तवे पर भूनकर खाने से भी आपको फायदा मिलेगा.

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