Home Ayurveda News Ayurved industry on rise: एक लाख करोड़ रुपये की हुई आयुर्वेद इंडस्ट्री

Ayurved industry on rise: एक लाख करोड़ रुपये की हुई आयुर्वेद इंडस्ट्री

1

Ayurved industry on rise: पिछले कुछ समय में आयुर्वेद की ओर लोगों का रूझान बहुत तेज़ी से बढ़ा है। हालत ये है कि पिछले दो सालों में आयुर्वेदिक उत्पादों, और सेवाओं का कुल रेवेन्यू एक लाख करोड़ रुपये से ज्य़ादा का हो गया है। जोकि साल 2016 में 25 हज़ार करोड़ रुपये था।

आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोचेटा ने www.ayurvedindian.com बताया कि पिछले कुछ समय में आयुर्वेद का प्रचार प्रसार देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बड़ी तेज़ी से बढ़ा है। कुछ समय पहले ही हमने एक स्टडी कराई थी। जिसके मुताबिक आयुर्वेदिक इंडस्ट्री अब करीब एक लाख करोड़ रुपये की हो गई है।

मुलतानी फार्मा के प्रमुख और पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के चेयरमैन प्रदीप मुलतानी ने बताया कि आयुर्वेद पर लोगों का भरोसा बड़ा है, इसलिए आयुर्वेदिक उत्पादों की बिक्री भी बढ़ी है।

इस बारे में डाबर आयुर्वेदिक रिसर्च के प्रमुख  दुर्गाप्रसाद ने Ayurvedindian.com को बताया कि पिछले कुछ समय से आयुर्वेद पर आम लोगों को रूझान बढ़ा है। कोरोना के दौरान आयुर्वेद के उत्पादों की बिक्री कई गुना बढ़ोतरी हुई है। आयुर्वेद में इम्यूनिटी और प्रोटेक्शन बढ़ाने के लिए बहुत सारी दवाएं हैं। आयुर्वेद में हेल्थ इंप्रूव करने के लिए अश्वगंधा, गिलोय, चवनप्राश आदि हैं। इसकी वजह से आयुर्वेदिक उत्पाद बनाने वाली कंपनियों की बिक्री में ख़ासी बढ़ोतरी हुई है। डाबर में फिलहाल 400 आयुर्वेदिक उत्पाद है, आने वाले समय में इस रेंज को बढ़ाने जा रहे हैं। मार्केट को देखते हुए हम ये फैसला लेंगे। ऐसा नहीं है कि सिर्फ एक ही कंपनी की बिक्री बढ़ी है, बल्कि देश में पूरी आयुर्वेदिक इंडस्ट्री बहुत ही तेज़ी से बढ़ी है।

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version