देश के प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्या पद्मश्री बालेंदु प्रकाश (Ayurvedacharya Padmashree Balendu Prakash) ने कहा है कि आयुर्वेद के ज्ञान (knowledge of ayurveda) को कमतर आंकना बहुत बड़ी भूल है। दुनियाभर में कैंसर और पेनक्रियाज के इलाज के लिए मशहूर वैद्य बालेंदु प्रकाश ने यह बात उस समय कही है, जबकि सुप्रीम कोर्ट में स्वामी रामदेव के पंतजलि (Patanjali) को भ्रामक विज्ञापनों के लिए डांट लगाई है। उन्होंने कहा कि लोगों में यह भ्रांति है कि आयुर्वेद की दवाओं का असर धीरे धीरे होता है। आयुर्वेद में ऐसी दवाएं हैं, जोकि सैंकड्स में अपना काम करती हैं।
आयुर्वेदिक संस्था नीमा के आयोजित एक सेमिनार में बालेंदु प्रकाश ने कहा कि आयुर्वेद की ताकत को पहचानने की जरुरत है। आयुर्वेद में बेहद अचूक और बीमारियों को ठीक करने की बहुत ही बेहतर चिकित्सा पद्धति है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने दुनिया को हिला कर रख दिया था। लेकिन यह था क्या छोटे से जुकाम का ही एक रूप। इस दौरान लोग असहाय हो गए। इसलिए हमें आयुर्वेद को पहचानने की जरुरत है। इस दौरान उन्होंने आयुर्वेद में क्रोनिक रायनाइटिस से निबटने की जानकारी दी।
इससे पहले आयुर्वेद के चिकित्सक और आयुर्वेद की पद्धतियों को लगातार एक प्रभावशाली वर्ग निशाने पर लेता रहा है। इसी वजह से इतने सालों तक आयुर्वेद की चिकित्सा पद्धति को ही झोलाछाप डाक्टर्स के तौर पर प्रचारित किया जाने लगा था और इसी वजह से आयुर्वेद के डॉक्टर्स भी मार्डन चिकित्सा की दवाइयां लोगों को देते थे और इसपर कहा जाने लगा था कि उनके पास बीमारियां ठीक करने की दवाएं नहीं है। ऐसे में पद्मश्री बालेंदु प्रकाश ने आयुर्वेद चिकित्सकों का आह्वान किया कि वो आयुर्वेद के ज्ञान को बेहतर तरीके से लोगों तक पहुंचाएं।