Ayurvedic Anesthetic injection:आयुर्वेद में बड़ी खोज सामने आई है अभी तक सर्जरी में एनेस्थिसिया के लिए आयुर्वेद में कोई मेडिसन नहीं थी, जोकि मरीज को बेहोश कर पाए। लेकिन अब ऐसी मेडिसन की खोज की गई है जो कि आने वाले समय में एनेस्थीसिया के लिए स्वदेशी आयुर्वेदिक मेडिसन होगी।
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https://www.dovepress.com/getfile.php?fileID=88483
हर्षा22 (Harsha22) नाम के इस इंजेक्शन का प्रयोग फिलहाल चुहों पर किया गया है। इस दवा में लौंग, जायफल,अतीस, बच्छनाभ और जटामासी (Syzygium aromaticum, Myristica fragrans, Aconitum heterophyllum, Aconitum chasmanthum and Nardostachys jatamansi) शामिल हैं। इनके एक्ट्रैक्ट को निकालकर इंजेक्शन बनाया गया है। जोकिं सफल रहा है।
दरअसल जब आयुर्वेद के चिकित्सकों को सर्जरी करने का अधिकार दिया गया तो उस समय मॉडर्न मेडिसिन के डॉक्टर्स ने इसका काफी विरोध किया था, एक बड़ा कारण इसमें एनेस्थीसिया की मेडिसन को बताया जा रहा था, उस समय कहां गया था की आयुर्वेद के चिकित्सक मॉडर्न एनएसथीसिया की दवा का ही प्रयोग करेंगे। इसके बाद पंकजा कस्तूरी हर्बल रिसर्च फाउंडेशन (https://www.pankajakasthuri.in/about-pankajakasthuri) ने हर्बल बेस एनेस्थिसिया एजेंट को विकसित किया, जोकि आयुर्वेदिक डॉक्टर को सर्जरी करने में मदद करेगा। फिलहाल इस दवा का उपयोग चूहों पर सफल रहा है, जल्दी इसको इंसानों पर भी प्रयोग किया जाएगा।
आयुर्वेद में पीएचडी, एमडी डॉ. रवि ढालिया ने इस इंजेक्शन के बार में कहा कि चूहों पर बेहोशी के लिए हर्षा22 का इस्तेमाल किया गया जोकि 90 मिनट तक काफी कारगर रहा, अब आयुर्वेद की अपना एनेस्थिया इंजेक्शन होगा, जोकि #lignocaine को रिप्लेस कर सकेगा।