Betel leaves for health: भारत में लंबे समय से पेट से संबंधित बीमारियों के लिए खाने के बाद गुड़ सौंफ और इलायची के साथ-साथ पान के पत्तों का इस्तेमाल भी किया जाता रहा है। आयुर्वेद में पान को पेट की बीमारियों को दूर रखने में बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है। यह आपके पेट को स्वस्थ्य रखता है, बल्कि यह आपके दोषों को भी बैलेंस करता है।
वैद्य परवेज मारिया के मुताबिक के पत्ते के पत्ते को गुलकंद के साथ खाना पेट के लिए अच्छा होता है। पान के पत्ते डायबिटीज को कंट्रोल करने में बहुत ही लाभदायक है। साथ ही साथ इसकी एंटीकैंसर प्रॉपर्टीज शरीर में किसी भी तरह के कैंसर को डिवेलप होने से भी रोकती है।
वैद्य मारिया के मुताबिक, जिन लोगों को कोलेस्ट्रॉल की समस्या होती है उनको दिन में कम से कम एक मीठा पान जरूर खाना के बाद जरुर खाना चाहिए। इससे आपका पाचन सुधरता है, जिससे आपके शरीर का बेड कोलेस्ट्रॉल कम होता है। पान के पत्तों में एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुण होतो हैं। यानि ये मौसमी बीमारियों से बचाने में मदद करता है। जिन मरीजों को अस्थमा है, उनको पान खाना चाहिए, इससे अस्थमा में काफी राहत मिलती है। इसको खाने वालों के मुंह में छाले नहीं होते, है पान मुंह के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ही बेहतर विकल्प है। पान खाने से डिप्रेशन को कम करने में भी मदद मिलती है।