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जाड़े में बचे पित के रोगों से, हो सकती है पैरों में जलन और एलर्जी

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शरद ऋतु ( इस वर्ष अक्टूबर और नवंबर) में रक्तमोक्षण बड़ा लाभकारी है विशेषकर पित्त के प्रकोप के कारण होने वाली व्याधियों में जैसे।

  1. त्चचा के रोग Eczema, psoriasis, चकत्ते, एलर्जी, फोड़े, फुंसी, मुंहासे आदि
  2. पैरों में होने वाली जलन
  3. Varicose veins
    3 नक्सीर / नाक से खून निकलना
  4. असमय बालों का झड़ना
  5. Raynaud’s disease (ठंडक से एलर्जी यानि पैरों की अगुंलियों का ठंडा पड़ जाना)
  6. पुराने से पुराने घाव जो ठीक न हो रहे हों ( Non-healing wounds )
  7. माइग्रेन
  8. नेत्र रोग जैसे आंखों में लालिमां, खुजली, सूजन
  9. Mouth Ulcer मुख में छाले होना इत्यादि
  10. Buerger’s disease (रक्त के थक्के जमने की वजह से शरीर के अंग का गलना)
  11. Acidity
  12. अत्यधिक गुस्सा आना इत्यादि

इसके साथ साथ डायबिटीज के कारण होने वाले Bed Sores, फोड़े व डायबिटिक फुट में भी रक्तमोक्षण से अविश्वनीय रूप से लाभ मिलते हैं

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