Hemp Plant: भारत में भांग के पौधे के कई चीजों का इस्तेमाल हज़ारों सालों से खाने पीने में होता रहा है। इसके बीजों की चटनी तो आज भी पहाड़ों में बड़े शौक से खाई जाती है। लेकिन अब भांग के पौधे से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है, इसकी भी स्टडी सामने आई है।
जर्नल ऑफ नेचुरल प्रोडक्ट्स में प्रकाशित एक नई स्टडी के मुताबिक कैनाबिस सैटिवा नामक भांग के पौधे में कुछ ऐसे तत्व होते हैं, जिनकी मदद से वायरस को शरीर पर हमला करने और उसे इसमें घुसने से रोका जा सकता है। इससे पहले लेथब्रिज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने भी इस विषय मामले पर शोध किया था।
भांग के पौधे का कोरोना वायरस पर असर को देखने के लिए अमेरिका के ओरेगन स्टेट के ग्लोबल हेम्प इनोवेशन सेंटर, कॉलेज ऑफ फॉर्मेसी और लिनुस पॉलिंग इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने मिलकर इस मुद्दे पर रिसर्च की। रिसर्च में भांग के पौधे में पाए जाने वाले दो तत्वों कैनाबीगेरोलिक एसिड (CBGA) और कैनाबीडियोलिक एसिड (CBDA) के बारे में स्टडी किया गया। इस स्टडी में वैज्ञानिकों ने पाया कि ये तत्व कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) के स्पाइक प्रोटीन से जुड़ सकते हैं। दरअसल यही स्पाइक प्रोटीन इंसानों के शरीर में घुसकर उनके सेल्स (कोशिकाओं) को खराब करने का काम करते हैं और इसी वजह से वायरस पर दवाओं का असर भी नहीं होता।वैज्ञानिकों के मुताबिक यदि हम पहले ही इस स्पाइक प्रोटीन को भांग में मिलने वाले कंपाउंड से मिला देते हैं, तो ये हमारे शरीर को संक्रमित नहीं कर पाएगा।
वैज्ञानिकों ने अपनी स्टडी में ये दावा भी किया है कि जो तत्व वायरस से लड़ते हैं, उनसे किसी प्रकार का नशा या उनकी आदत नहीं लगती है। भांग में मौजूद बहुस सारे एसिड्स हमारे शरीर को अच्छी सुरक्षा देते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक कोरोना वायरस को टारगेट करने के लिए भविष्य में इनका प्रयोग वैक्सीन में किया जा सकता है और इन्हें सीधा मुंह के जरिए भी लिया जा सकता है। हालांकि इसके इस्तेमाल की किसी भी देश में पुष्टि नहीं की गई है।