Right way to Drink Water: आपने भी कई बार सुना होगा कि लोग कहते हैं कि खड़े होकर पानी मत पिओ. माना जाता है कि इससे घुटनों की समस्या हो जाती है लेकिन इस दावे में कितना दम है यह कम ही लोगों को पता है. तो आइए जानते हैं कि Right way to Drink Water पानी पीने का सही तरीका क्या है ..
New Delhi नई दिल्लीः अक्सर आपने लोगों को कहते सुना होगा कि खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए, इससे घुटनों में तकलीफ हो जाती है! कुछ लोग ये भी कहते हैं कि खड़े होकर पानी पीने से पेट में भी तकलीफ हो सकती है. हालांकि इस दावे की हकीकत क्या है, यह कम ही लोगों को पता होगी. तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि क्या खड़े होकर पानी पीना वाकई में सेहत के लिए नुकसानदायक है या नहीं-
क्या कहता है आयुर्वेद? What does Ayurved say ?
आयुर्वेद में पानी water को काफी अहमियत दी जाती है क्योंकि हमारे शरीर का बड़ा हिस्सा पानी से ही बना है. आयुर्वेद Ayurved में कहा जाता है कि आप जिस तरह से पानी पीते हैं, वह आपकी सेहत को प्रभावित Effetcs your Health करता है. आयुर्वेद के अनुसार, खड़े होने की बजाय पानी हमेशा बैठकर पीना चाहिए. इसकी वजह ये है कि खड़े होकर पानी पीने से हमारे शरीर में मौजूद फ्लूएड्स Fluids का बैलेंस बिगड़ सकता है. साथ ही इससे हमारे जोड़ों joints में भी पानी इकट्ठा हो सकता है जो आर्थराइटिस Arthritis का कारण बनता है.
इसकी बजाय बैठकर पानी पीने से हमारी मांसपेशियां और नर्वस सिस्टम nervous system रिलेक्स रहते हैं और इससे हमारी नर्व्स खाने और अन्य फ्लुएड्स को आसानी से पचा digest easily पाती हैं. बैठकर पानी पीने से हमारी किडनी में फिल्ट्रेशन filteration की प्रक्रिया भी आसान होती है.
ये कहती है मेडिकल साइंस This is what medical science say
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स media reports में कहा गया है कि खड़े होकर पानी पीने से होने वाले नुकसान को लेकर मेडिकल साइंस में कोई रिसर्च no research सामने नहीं आई है. वहीं डॉक्टर्स doctors खड़े होकर पानी पीने के नुकसान को खारिज करते हैं. उनका कहना है कि हम जो भी खाते या पीते हैं वह फूड पाइप food pipe के जरिए हमारे पेट stomach और आंतों में जाता है. ऐसा नहीं है कि वह सीधे हमारी किडनी kidney या जॉइंट्स joints में चला जाता है. ऐसे में खड़े होकर पानी पीने से घुटनों में दिक्कत की बात को मेडिकल साइंस नकारती disagree है. इसलिए पानी किसी भी तरह से पिया जा सकता है.
अब हमने आपको दोनों बातें बता दी हैं. ऐसे में जो बात आपको सही लगे आप उसका पालन कर सकते हैं. यह पूरी तरह से आपके विवेक पर निर्भर करता है.
(डिस्कलेमर- यहां बताई गई बातें सामान्य जानकारी और विभिन्न लेखों पर आधारित है. आयुर्वेद इंडियन इसकी पुष्टि नहीं करता है. कोई भी समस्या या संदेह होने पर डॉक्टर की सलाह लें. )