Rose bath in Summer: गर्मी समय से पहले ही अपने चरम पर पहुंच रही है, पूरे उत्तर भारत में पारा 40 डिग्री को पार कर रहा है। ऐसे में गर्मी से होने वाली बीमारियां और पेट से संबंधित काफी रोग होते हैं। बाहर की गर्मी जब शरीर के अंदर भी गर्मी बढ़ाती है तो शरीर में पानी की कमी, पसीना, त्वचा पर चकत्ते पड़ना,तेज धूप से त्वचा का झुलसना, मुहांसे, डायरिया और आलस भी आने लगता है। आयुर्वेद में इनसे बचने के लिए बहुत सारे उपाए हैं, जोकि देश में बरसों से अपनाए जाते रहे हैं। हम एक बार फिर इनके बारे में बता देते हैं।
गर्मी से बचने का सबसे प्राकृतिक तरीका ठंडे पानी से नहाना होता है, वो भी सुबह उठकर किया गया स्नान तो बहुत ही बेहतर होता है।
पुदीने से करें शरीर की गर्मी को शांत
पुदीने की ताजा या सूखी पत्तियां लीजिए और उसे आधे घंटे पानी तक उबालिए। अब इसके पानी को ठंडा करें और छानकर रख दीजिए। नहाने के बाद इस पानी को अपने पूरे शरीर पर लगाए, विशेष तौर पर उन जगहों पर जहां आपको ज्यादा पसीना आता हो। पुदीना त्वचा को ठंडा और ताजा तो रखता ही है साथ ही यह आपके दिमाग इस गर्मी के मौसम में शांत रखता है।
गुलाब की पंखुड़ियां
गुलाब की पंखुड़ियों या गुलाब के अर्क से बने तेल का इस्तेमाल भी नहाने के लिए होता है। अगर आप गुलाब की पंखुड़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसे अपने बाथटब या पानी में रात भर भीगो कर रख दें। गुलाब शरीर को तरो ताजा रखने के साथ साथ मन को ताजगी से भर देता है। यह त्वचा को मुलायम, कोमल और चमकदार रखता है और त्वचा को धूप में जलने से भी बचाता है।