Surya Namaskar: स्वास्थ्य के लिए योग को बढ़ावा देने के लिए आयुष मंत्रालय मकर संक्रांति के दिन दुनियाभर में 75 लाख लोगों को एक साथ सूर्यनमस्कार कराने जा रहा है। इसके लिए आयुष मंत्रालय ने सभी योग और आयुर्वेद संस्थानों को इस सूर्यनमस्कार के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए कहा है। दरअसल मकर संक्रांति के जरिए दुनिया में सबसे बेहतरीन योगासनों के फायदे लोगों तक पहुंचाने की कोशिश आयुष मंत्रालय कर रहा है। पूरी दुनिया में योग को लेकर भारत ने एक अलग पहचान बनाई है। अब भारत इनमें से भी अपने विशेष योगास्नों को दुनिया में सही तरह से पहुंचाना चाहता है।
क्यों हैं आसनों में सर्वश्रेष्ठ सूर्यानमस्कार
सूर्य नमस्कार योगासनों में सबसे अच्छा है। यह एक अकेला ऐसा योगा अभ्यास है, जो हमारे सारे शरीर को व्यायाम करा देता है। इसके रोज़ाना अभ्यास से हमारा शरीर निरोगी, स्वस्थ और चेहरा दमकने लगता है। युवतियां हों, महिलायें हों या पुरुष, बच्चे हों या फिर वृद्ध सभी के लिए सूर्य नमस्कार बहुत लाभदायक होता है| सूर्य नमस्कार से हार्ट, किडनी, आँत, पेट, छाती, गला, पैर, रीड़ ही हड्डी शरीर के सभी अंगो के लिए बहुत से फायदेमंद हैं। सूर्य नमस्कार सिर से लेकर पैर तक शरीर के सभी अंगो को बहुत ही फायदा पहुंचाता है। यही कारण है कि सभी योग विशेषज्ञ इसके अभ्यास पर विशेष ज़ोर देते हैं। सूर्य नमस्कार के लगातार अभ्यास से शरीर, मन और आत्मा तक सबल हो जाते हैं। पृथ्वी पर सूर्य के बिना जीवन संभव नहीं है।
सूर्यनमस्कार में 12 आसन होते हैं..
- प्रणाम आसन
- हस्तउत्तानासन
- हस्तपाद आसन
- अश्व संचालन आसन
- दंडासन
- अष्टांग नमस्कार
- भुजंग आसन
- पर्वत आसन
- अश्वसंचालन आसन
- हस्तपाद आसन
- हस्तउत्थान आसन
- ताड़ासन
कब करें सूर्यानमस्कार
सूर्य नमस्कार करने का सबसे अच्छा समय सुबह के समय खुले में पूर्व दिशा में, उगते सूरज के समय करने की होती है। उगते सूर्य की रोशनी से हमारे शरीर को ‘विटामिन डी’ मिलता है, हड्डियां भी मज़बूत होती हैं, त्वचा दमकने लगती है और मानसिक तनाव भी जाता रहता है।
सूर्य नमस्कार के आसन, हल्के व्यायाम और योगासनो के बीच में कड़ी है और खाली पेट कभी भी किया जा सकता हैं। सुबह के समय सूर्यानमस्कार मन और शरीर को ऊर्जान्वित कर तरो ताज़ा करता है। इसको दोपहर में किया जाता है तो यह शरीर को तत्काल ऊर्जावान बना देता है। अगर इस आसन को शाम को किया जाए तो ये तनाव कम करता है।