प्रसंगवशः नैतिकता का फूल
महर्षि चरक बोले, ‘शिष्यों, नैतिक जीवन तथा राजाज्ञा में कोई साम्य नहीं है। यदि राजा अपनी प्रजा की संपत्ति अपनी इच्छा से कार्य कर केवल अपने के लिए व्यय कर…
महर्षि चरक बोले, ‘शिष्यों, नैतिक जीवन तथा राजाज्ञा में कोई साम्य नहीं है। यदि राजा अपनी प्रजा की संपत्ति अपनी इच्छा से कार्य कर केवल अपने के लिए व्यय कर…