Home Ayush Education Dincharya: दिनचर्या को करें ठीक, रोग रहेंगे कोसों दूर

Dincharya: दिनचर्या को करें ठीक, रोग रहेंगे कोसों दूर

0

Dincharya: आयुर्वेद में दिनचर्या का बहुत ही ज्य़ादा महत्व है, अगर कोई व्यक्ति दिनचर्या का पालन करता है, उसके बीमार होने की आशंका बहुत कम हो जाती है। बस इसके लिए हमें अपनी आदतों में बदलाव लाना पड़ेगा। आयुर्वेद के अनुसार दिनचर्या व ऋतुचर्या को समझने साथ साथ उन्हें अपनाना भी होगा।
आयुर्वेद के मुताबिक आहार-विहार दिनचर्या, रात्रिचर्या एवं ऋतुचर्या और सदाचार से मनुष्य हमेशा स्वस्थ रहता है और बीमारियां उससे कोसों दूर रहती हैं। आयुर्वेद के मुताबिक दिनचर्या में सुबह बहुत ही महत्वपूर्ण होती है।
स्वस्थ व्यक्ति को सूर्योदय से डेढ़ घंटा पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाना चाहिए। इस समय आसपास प्रदूषण नहीं होता है। इस समय ऑक्सीजन का प्रवाह पर्यावरण में सबसे ज्य़ादा होती है। प्रकृति बहुत ही एक्टिव होती है, वो अपनी सारी शक्ति प्रत्येक पेड़, पौधे, वनस्पति और प्राणियों को ऊर्जा देने हेतु ताज़गी के रूप में बरसाती है। इससे हमारे शरीर में नई शक्ति आती है और शरीर में उमंग का संचार भी होता है।

उषः पान
जिन लोगों का पेट खराब रहता है, उन लोगों को एक तांबे के बर्तन में स्वच्छ पीने का पानी रात को ढक कर रख दे। सुबह जल्दी उठें और ये पानी या फिर मटके का या ताजा एक से चार गिलास पानी पीना चाहिए। इसे उषः पान कहते हैं। इसे पीने से शरीर में से जहरीले तत्व बाहर निकल जाते हैं, साथ ही पेट भी साफ हो जाता है।
देश में पेट को लेकर अकसर कई बातें कहीं जाती है। कहा जाता है कि जिन लोगों का पेट साफ रहता है वो बीमार कम पड़ते हैं। अगर पेट साफ ना हो तो उष: पान बहुत महत्वपूर्ण होता है।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version