पारंपरिक चिकित्सा को लेकर मोदी सरकार की प्रतिबद्धता का असर जी20 में भी दिखा है। जी20 की दिल्ली घोषणा में दुनिया के प्रमुख देशों में पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के विकास पर सहमति जताई है। नई दिल्ली डिक्लेरेशन में जी-20 के नेताओं में कहा कि एविडेंस बेस्ड पारंपरिक और वैकल्पिक दवाओं को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किए जाएंगे। WHO डब्ल्यूएचओ इसके लिए सेंटर और क्लिनिकल ट्रायल रजिस्ट्री का काम करेगा।
इससे पहले पारंपरिक चिकिस्ता पर दुनिया का पहला सेंटर भी भारत के जामनगर में खोला गया है। मोदी सरकार के आने के बाद से ही देश दुनिया में पारंपरिक चिकित्सा को लेकर काफी काम चल रहा है। पारंपरिक चिकित्सा को मार्डन मेडिसिन के साथ बराबरी का दर्जा दिलाने के प्रयास चल रहे हैं और इसको लेकर एविडेंस और स्टैंडर्डाइजेशन की कोशिशें चल रही हैं।