Skin Allergy : जब भी आपकी स्किन पर शीतपित्त हो जाए तो दूध या दूध से बने प्रोडक्ट, बहुत ज्यादा नमकीन फूड, नॉन वेज फूड और प्रोसेस्ड फूड नहीं खाएं. शराब भी नहीं पीनी चाहिए.
स्किन की एलर्जी (Allergic Reaction) का सबसे अच्छा इलाज आयुर्वेद में है. कई बार स्किन में शीतपित्त (Hives) हो जाता है. इसमें त्वचा पर छोटे-छोटे लाल दाने जैसे उभर आते हैं, जिनमें बहुत खुजली होती है. दरअसल ऐसा एलर्जिक रिएक्शन के कारण होता है. जब छोटी रक्त वाहिकाएं (Tiny Blood Vessels) शरीर में हिस्टामाइन (Histamine) नाम का प्रोटीन रिलीज करती हैं. ये प्रोटीन लिक्विड होता है जो स्किन में छोटे-छोटे दानों के रूप में इकट्ठा हो जाता है.
आयुर्वेद एक्सपर्ट के अनुसार, शीतपित्त में शीत मतलब ठंडा और पित्त का मतलब गर्म होता है. ये एलर्जी तब होती है जब शरीर बहुत ज्यादा ठंड को झेलता है. जब शरीर के अंदर शीत और पित्त के बीच बैलेंस बिगड़ जाता है. जब शीत पित्त पर भारी पड़ जाता है. बता दें कि शीतपित्त शरीर के किसी एक अंग या फिर पूरे शरीर में हो सकता है.
शीतपित्त होने के लक्षण
स्किन में शीतपित्त होने पर खुजली (Itching), चुभन (Pricking), जी मचलाना (Nausea), उल्टी (Vomiting), बुखार (Fever), ज्यादा प्यास लगना (Excessive Thirst) और जलन (Burning Sensation) की समस्या हो सकती है. जान लें कि शीतपित्त बदहजमी, दवा से रिएक्शन, ज्यादा नमकीन, मसालेदार और प्रोसेस्ड फूड खाने से हो सकता है. सही से नहीं सोने की वजह से भी शीतपित्त हो सकता है.
शीतपित्त होने पर इन चीजों को नहीं खाएं
शीतपित्त होने पर दूध या दूध से बने प्रोडक्ट, मसालेदार, बहुत ज्यादा नमकीन फूड, फिश, नॉन वेज फूड और प्रोसेस्ड फूड नहीं खाना चाहिए. इसके अलावा शराब भी नहीं पीनी चाहिए.
शीतपित्त का कैसे करें इलाज?
शीतपित्त होने पर हल्दी, आंवला और नीम का इस्तेमाल करें. ये एलर्जिक रिएक्शन को रोकने में काफी मददगार होते हैं. इसके अलावा आप नीम के गर्म पानी से नहा सकते हैं. आप शरीर पर नारियल या सरसों का तेल भी लगा सकते हैं.
(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारियां सामान्य जानकारियों और घरेलू नस्खों पर आधारित हैं. ayurvedindian इनकी पुष्टि नहीं करता है.)