Online in Ayurveda: कोरोना के बाद से ही आयुर्वेद और आयुष (Ayurveda and Ayush) के अन्य पैथियों से ऑनलाइन सलाह (online consultency in Ayurveda) लेने वालों की संख्या में ख़ासी बढ़ोतरी हुई है। www.ayurvedindian.com के एक सर्वे के मुताबिक देश में अब आयुर्वेद के डॉक्टर्स के पास अब 20 से 25 परसेंट मरीज़ ऑनलाइन के जरिए आ रहे हैं, जोकि दो साल पहले काफी कम थे। दिल्ली (Delhi) से लेकर गुजरात (Gujrat) और राजस्थान (Rajasthan) के आयुर्वेद के डॉक्टर्स से पूछे गए सवालों से पता चला है कि अब बड़ी संख्या में मरीज़ ऑनलाइन सलाह लेते हैं।
आयुर्वेद डॉक्टर्स की एसोसिशन (https://nasya.in/) दिल्ली एनसीआर की महासचिव वैद्य प्रीति भोसले ने बताया कि पहले के मुताबिक मरीजों को ऑनलाइन सलाह डॉक्टर्स और मरीज दोनों के लिए बेहतर है। जहां मरीजों का समय बचता है, वहीं डॉक्टर्स के लिए भी सहुलियत होती है। अगर कोई मरीज को देखने की जरुरत होती है तो उसे फिजिकली भी देखा जाता है।
गुजरात के सूरत में ब्लैक फंगस का सफलतापूर्वक इलाज कर रहे वैद्य रजनीकांत पटेल के मुताबिक पहले के मुताबिक अब काफी मरीज़ ऑनलाइन को तवज्जों दे रहे हैं। ख़ासकर वो लोग जोकि दूर दराज के इलाकों में रहते हैं। हाल ही में ऑनलाइन जरिए से ही वैद्य रजनीकांत ने पाकिस्तान की एक महिला का ब्लैक फंगस भी ठीक किया है। वैद्य रजनीकांत पटेल के मुताबिक अब 20 परसेंट से ज्य़ादा मरीज उनके पास ऑनलाइन ही आ रहे हैं। हालांकि उनकी कोशिश होती है कि वो फिजिकली भी देखें।
IMA-AYUSH (Women wing) की नेशनल प्रेसिडेंट वैद्य इंदू शर्मा के मुताबिक अब जमाना ही ऑनलाइन का है। हम भी अपना ज्य़ादातर प्रचार ऑनलाइन ही कर रहे हैं। अब फेसबुक और अन्य माध्यमों से ही हमारे पास काफी मरीज आते हैं। पहले जहां अच्छी प्रेक्टिस के लिए बेहतर लोकेशन पर क्लिनिक बहुत जरुरी होता था, लेकिन अब बेहतर ऑनलाइन प्रसेंटेशन बहुत जरुरी हो गई है। अब हम कहीं जाते भी हैं तो वहां भी मरीज को सेवाएं दे सकते हैं।
हेल्थ में ऑनलाइन का बढ़ा क्रेज
दरअसल इन दिनों हेल्थ सेक्टर में भी ऑनलाइन का बड़ा क्रेज हो गया है। अब दवाई खरीदने से लेकर डॉक्टर को दिखाने तक के लिए अब ऑनलाइन एप्स या फोन या फिर अन्य तरीकों से डॉक्टर, मरीज और दवाओं के बीच फासले कम हो गए हैं। फिलहाल देश में हेल्थ सेक्टर में 2 से 3 परसेंट कारोबार ऑनलाइन हो रहा है। जोकि अगले पांच सालों में 10 परसेंट तक बढ़ सकता है। लेकिन लंबे समय तक एलोपैथी से दबे रहे आयुर्वेद के वैद्य अब ऑनलाइन इलाज में बेहतर कर रहे हैं। आयुर्वेद इंडस्ट्री भी अब एक लाख करोड़ रुपये से ज्य़ादा की हो चुकी है। ऐसे में आने वाले समय में ऑनलाइन आयुर्वेद का क्रेज और बढ़ेगा।