Sharad Purnima kheer benefits: शरद पूर्णिमा sharad poornima की खीर को रातभर खुले आकाश के नीचे aरखकर चांद moon से अमृत गिरने का इंतजार किया जाता है। इस मान्यता tradition के साथ कि इस खीर से कई रोग diseases दूर होंगे। अरसे से इस परंपरा protocol/tradition का पालन हो रहा है। इस बार खीर बनाने से पहले जानिए कि कितनी औषधीय की जरूरत होती है शरद पूर्णिमा पर बन ने वाली खीर के लिए।
साल भर आने वाली पूर्णिमाओं में शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) बेहद खास special poornima होती है। यही वो दिन होता है जब खीर kheer बनकर तैयार होती है। फिर उस खीर को पूरी रात घर के बाहर, छत terrace या गैलेरी gallery पर रखा जाता है। इस हिसाब से कि चांद की किरणें सीधे खीर के बर्तन bowl of kheer में पड़ें। इस बर्तन को थाली की जगह झीने कपड़े से ही ढंका जाता है। ताकि, किरणों का असर दूध और चावल milk & rice में हो।
ऐसा करते हुए नानी दादी grandmother की बात भी हमेशा याद की ही होगी कि शरद पूर्णिमा की खीर में चांद अमृत (elixir) Amrit घोलेगा और कई रोगों से छुटकारा मिलेगा। अब ये बात आयुर्वेद में साबित भी हो चुकी है। आयुर्वेद एक्सपर्ट वैद्य कृतिका उपाध्याय के मुताबिक, खीर से कई तरह के रोगों diseases में राहत मिलने की बात बेमानी नहीं है। शरद पूर्णिमा की खीर में वाकई चांद की रोशनी ऐसे तत्व घोलती है, जो पेट stomach diseases से जुड़े कई रोगों से राहत देती है।
केवल इतना ही नहीं चांद की इस रोशनी moon light से जुड़े कुछ और नुस्खे भी हैं जिन्हें आजमा कर आप अलग अलग किस्म के रोगों से छुटकारा पा सकते हैं।
शरद पूर्णिमा की खीर के फायदे (Kheer Benefits)
- शरद पूर्णिमा के मौके पर दूध, चावल और शक्कर मिलाकर खीर बनाई जाती है
- ये खीर पूरी रात चांद की रोशनी में, बाहर रखी जाती है
- वैद्य मिहिर खत्री के मुताबिक चांद की किरणें इस दिन इतनी शीतल होती हैं कि उसका असर खीर की तासीर को भी ठंडा कर देता है
- इस खीर को खाने से पित्त से जुड़ी समस्याएं कम होती हैं
- एसिडिटी, स्किन रेशेज, पेट में जलन, आर्टिकेरिया जैसी बीमारियों से इस खीर से राहत मिलती है
- इस साल ये खीर 9 अक्टूबर को बनाकर रात में चांद के सामने रखी जाएगी
त्वचा रोग होने पर (Skin disease)
जो लोग किसी भी तरह के त्वचा रोग से पीड़ित हैं। उन्हें शरद पूर्णिमा की रात चांद की रोशनी में बैठना चाहिए। वैद्य कृतिका उपाध्याय के मुताबिक शरद पूर्णिमा के चांद की किरणें त्वचा रोग ठीक कर जल्दी हीलिंग में मदद करती हैं।
आंख में इंफेक्शन होने पर (Eye Infection)
आपकी आंख में लगातार, बार बार कोई इंफेक्शन हो रहा है, तो शरद पूर्णिमा पर उसका भी इलाज हो सकता है। वैद्या कृतिका उपाध्याय की सलाह है कि आंख का कोई इंफेक्शन होने पर शरद पूर्णिमा के चांद को देखें। ऐसा आपको लगातार पांच से दस मिनट के लिए करना है। पांच मिनट या उससे ज्यादा देर के लिए शरद पूर्णिमा के चांद को लगातार देखते रहें। चांद की किरणों से आंखों को ठंडक मिलती है और रोग का प्रभाव कम होता है।
मिश्री में असर (Mishri)
आयुर्वेद एक्सपर्ट ने शरद पूर्णिमा के चांद की रोशनी में मिश्री रखने की भी सलाह दी है। मिश्री से पित्त शांत होता है। शरद पूर्णिमा में चांद की रोशनी सोखने वाली मिसरी पित्त से जुड़े रोगों के लिए औषधि का काम करती है।
UTI से मिलती है राहत (relief in Urinary Tract Infection)
इसके अलावा यूटीआई यानि यूरिनरी ट्रेक इंफेकशन होने पर औषधीय मिसरी और धनिया मिलाकर खाने से आराम मिलेगा। इससे छाती में जलन, घबराहट, उल्टी आने पर शरद पूर्णिमा के दिन बाहर रखी मिसरी को खाने से राहत मिलती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।