पिछले 10 सालों में एनडीए सरकार में आयुर्वेदिक कॉलेज (Ayurvedic Colleges in Govt.) की संख्या दोगुनी से ज्यादा हो गई है। इसके साथ-साथ होम्योपैथी, यूनानी और सिद्धा मेडिकल कॉलेज (Homeopathy, Unani and Siddha Medical College) की संख्या भी काफी बढ़ गई है।
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आयुष मंत्रालय के मुताबिक साल 2014 में देश में कुल 263 आयुर्वेदिक चिकित्सा कॉलेज थे, जो की 2023-24 में बढ़कर 541 हो गए हैं। इसी तरह होम्योपैथी के भी 2014-15 में 194 मेडिकल कॉलेज थे, जो कि अब 277 तक पहुंच गए हैं।
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सरकार ने पिछले कुछ सालों में आयुष के तहत पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को काफी बढ़ावा दिया है और उसकी वजह से नए आयुष कॉलेज की स्थापना भी हुई है। कॉलेज की स्थापना के लिए केंद्र सरकार को कॉलेज के इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर छात्राओं की सुविधा के लिए भी फंड देती है। इस दौरान भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों की मेडिकल कॉलेजेस की सीटों संख्या भी लगभग दोगुनी हो गई है। 2014 में यह 32,256 थी जो कि अब 64,812 से भी ज्यादा हो गए हैं। इसी तरह चिकित्सा पद्धतियों की पीजी कोर्सेज में भी सीटों की संख्या 1891 से बढ़कर 7799 तक पहुंच गई हैं।