भारत एक महान देश है और भारत की महानता का सबसे बड़ा कारण है उसकी समृद्ध संस्कृति। भारतीय संस्कृति में भारत का परंपरागत खाना एक अहम भूमिका निभाता है भारत मात्र एक देश नहीं भारत को 28 राज्यरूपी देशों ने मिलकर बनाया है।
एक जगह भारत में ऐसी भी है जिसे भारत का स्विट्जरलैंड कहते हैं अब आप समझ गए होंगे हम बात कर रहे हैं कश्मीर की कश्मीर भारत का एक अहम हिस्सा है और उसकी संस्कृति भारतीय संस्कृति में बहुत बड़ा योगदान देती है आज हम भारतीय परंपरागत खाने के बारे में बात कर रहे हैं तो उसमें से एक है कश्मीर का रोगन जोश।
रोगन जोश
रोगन जोश भेड़ के मांस से बनाया जाता है। इसको कश्मीरी मिर्च के द्वारा सुगंधित और रंगीन बनाया जाता है। यह देखने में जितना सुंदर होता है उतना ही लजीज खाने में होता है इसकी सुगंध एवं स्वाद का कुछ शब्दों में वर्णन करना तो असंभव है लेकिन इसमें बहुत सारे पोषण तत्व भी मौजूद हैं जैसे कि कैल्शियम,प्रोटीन,फैट और इसमें एकदम भी कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है। इसके अलावा यह कार्बोहाइड्रेट्स भी प्रदान करता है।
ढोकला
परंपरागत व्यंजनों में गुजरात से ढोकला भी मशहूर है। यह देखने में भी बहुत नायाब लगता है और इसका स्वाद तो है ही अच्छा। अगर हम इसके पोषण तत्वों की बात करें तो वह कुछ इस प्रकार है।
ढोकले कैलरी की मात्रा बहुत कम होती है और यह एक फाइबर रिच व्यंजन है इसको आप वजन घटाने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं यह आपकी डाइट को बिल्कुल भी प्रभावित नहीं करेगा। इसमें सोडियम पोटेशियम आयरन कैल्शियम जैसे शरीर के लिए उपयोगी पदार्थ उपलब्ध है इसको खाने से हमें विटामिन ए भी मिलता है।
इडली
अब बात यदि परंपरागत खाने की हो रही हो तो हम दक्षिण भारतीय खाना को भूल नहीं सकते हैं। यह भी भारतीय संस्कृति का एक बहुत महत्वपूर्ण भाग है। और दक्षिण भारतीय व्यंजन की बात की जाए तो किसी भी भारतीय के मन में सबसे पहला व्यंजन इडली ही आता है यह है ही इतना मशहूर। इसकी मशहूरता का कारण बस इसका स्वाद नहीं बल्कि स्वाद के साथ मिलने वाले पोषक तत्व भी हैं।
इसमें बहुत कम कैलरी होती है और यह कोलेस्ट्रॉल मुक्त भी है इसमें सोडियम की मात्रा भी बहुत कम होती है और कैल्शियम विटामिन सी प्रोटीन और फाइबर जैसे शरीर के लिए उपयोगी पदार्थ भरपूर मात्रा में मौजूद है।
यह थे भारत के कुछ परंपरागत व्यंजन जो स्वाद के साथ पोषण भी प्रदान करते हैं इनके स्वाद का आनंद जीवन में एक बार तो जरूर लिजिए।