New Ayurved curriculum: जल्द नोटिफाइ होगा आयुर्वेद का नया करिकुलम

Date:

New Ayurved curriculum: देश में अगले साल आयुर्वेद का पूरा करिकुलम बदलने जा रहा है। अगले साल से बीएएमएस और एमडी में पढ़ाई करने वाले आयुर्वेद के छात्रों को पारंपरिक आयुर्वेद की शिक्षा के साथ साथ इसमें मॉर्डन तकनीक और मॉर्डन साइंस के साथ बेहतर तालमेल संबंधी चेप्टर्स भी होंगे। नए करिकुलम के प्रस्ताव को तैयार कर सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (CCIM) ने मंत्रालय की मंजूरी के लिए भेज दिया है। उम्मीद है कि जल्द ही इसको मंजूरी मिल जाएगी
सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (CCIM) के चेयरमैन वैद्य जयंत देवपुजारी ने www.ayurvedindian.com को बताया कि हम अपने छात्रों को मॉर्डन तकनीक के बारे में भी पढ़ाना चाहते हैं, लिहाजा नए करिकुलम में हमने इसको भी पर्याप्त स्थान दिया है। उदाहरण के लिए एक्सरे या अन्य मॉर्डन साइंस का उपयोग भी हमने नए करिकुलम में किया है। ताकि इलाज के नए आयाम भी छात्र सीखें और आयुर्वेद में भी मॉर्डन विज्ञान का समावेश हो सके। उन्होंने बताया कि हमने अपनी एक्सपर्ट कमेटी की निगरानी में तैयार करिकुलम मंत्रालय में भेज दिया है। अब वहां से जैसे ही वो वापस आएगा तो हम नए करिकुलम को नोटिफाइ कर देंगे और अगले सत्र से छात्रों को उपलब्ध होगा।
देश में फिलहाल 400 से ज्य़ादा आयुर्वेदिक कॉलेज हैं, जिनमें पारंपरिक तौर पर पढ़ाई होती है। लेकिन पिछले कुछ समय से मॉर्डन साइंस के साथ आयुर्वेद पढ़ाए जाने पर विचार सरकार में चल रहा है। लिहाजा इस बार करिकुलम में ये बदलाव किए जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक एक्सरे, विभिन्न टेस्ट और कई मॉर्डन तकनीक को अपनाए जाने पर करिकुलम में ज़ोर दिया जाएगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

यूरोपीय देशों में भी हो रही है Ayurveda को लेकर चर्चाएं

भारतीय आयुर्वेद (Indian Ayurveda) की धूम दुनिया जहान में...

क्यों है Pranayama जीवन को स्वस्थ और सुखी रखने का उपाए

Practicing Pranayama: इन दिनों देश दुनिया में मानसिक रोग...

Ayurveda से इलाज के लिए 5 करोड़ लोगों का किया जाएगा प्रकृति परीक्षण

केंद्रीय आयुष मंत्रालय (Union Ministry of AYUSH) देशभर में...