Indian Medicine study: अलग स्लेबस पढ़ाने वाले आयुर्वेदिक, यूनानी कॉलेज के छात्रों को नहीं मिलेगा लाइसेंस

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Indian Medicine study: भारतीय केंद्रीय चिकित्सा परिषद ने उन आयुर्वेदिक, यूनानी और सिद्हा कॉलेज और यूनिवर्सिटिज को चेतावनी दी है, जोकि अपनी मर्जी से स्लेबस छात्रों को पढ़ा रहे हैं। भारतीय केंद्रीय चिकित्सा परिषद देश में भारतीय मेडिसिन सिस्टम की शिक्षा के स्टैंडर्ड पर निगरानी रखने वाली सरकारी स्वायत्त संस्था है।

पूरा नोटिस नीचे लिंक पर क्लिक करके पढ़ें

https://www.ccimindia.org/pdf/Public-Notice.pdf

अपने एक नोटिफिकेशन में परिषद ने कहा है कि उनकी जानकारी के मुताबिक कुछ यूनिवर्सिटिज और कॉलेज अपने मन मुताबिक ही कोर्स तैयार कर रहे हैं और बच्चों को पढ़ा रहे हैं। लिहाजा छात्रों को किसी भी कॉलेज में एडमिशन से पहले ये पता कर लेना चाहिए कि वो यूनिवर्सिटी या कॉलेज इंडियन मेडिकल सेंट्रल काउंसिल के स्लैबस को पढ़ा रहा है या नहीं। अगर वो इस स्लैबस के मुताबिक पढ़ाई नहीं करा रहा है तो उस छात्र की डिग्री अवैध होगी। यानि पढ़ाई पूरी करने के बावजूद ऐसे छात्र को मेडिकल प्रेक्टिस का लाइसेंस नहीं दिया जाएगा। देश में करीब 400 से ज्य़ादा सरकारी और प्राइवेट कॉलेज हैं। जहां आयुर्वेद, सिद्धा, यूनानी और सोवा रिग्पा सिस्टम की पढ़ाई कराई जाती है। लेकिन इनमें से कई प्राइवेट कॉलेज अपना अलग सलेब्स चला रहे हैं। जिनको परिषद ने चेतावनी जारी की है।

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