चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड ने कहा आयुर्वेद की वजह से कोरोना से ठीक हो पाया

आयुर्वेद को लेकर भारत के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड ने कहा कि कोरोना के दौरान आयुर्वेद के इलाज से ही वो ठीक हुए थे और उसके बाद से वो अधिकांश मौकों पर आयुर्वेद से ही उपचार करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में उन्होंने पंचकर्म भी कराया है। सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया में आयुष की डिस्पेंसरी का उद्घाटन करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि कोरोना दौरान उन्हें बुरी तरह से कोरोना ने जकड़ लिया था और उस समय प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने उन्हें फोन कर कहा कि हम आपको वैद्य राजेश कुटेजा के साथ कनेक्ट करा रहे हैंं, उसके बाद वैद्य राजेश कुटेजा जी ने फोन पर मुझसे बात कर, दवाइयां भिजवा दी थी। उससे मुझे बहुत आराम मिला। बल्कि बाद में कोरोना के दौरान मैंने सिर्फ आयुर्वेद दवाइयां ही लीं। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भारत के सर्वोच्च न्यायालय के परिसर में ‘आयुष समग्र कल्याण केंद्र’ का उद्घाटन करते समय बोल रहे थे। इस अवसर पर आयुष और बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई भी उपस्थित थे।

इस मौके पर, सुप्रीम कोर्ट और अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के बीच आयुष समग्र कल्याण केंद्र की स्थापना, संचालन और विशेषज्ञ सेवाएं प्रदान करने के संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए।

इस मौके पर, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, “मेरे लिए यह एक संतोषजनक क्षण है। जब से मैंने सीजेआई का पद संभाला है तब से मैं इस पर काम कर रहा हूं। मैं आयुर्वेद जीवन शैली का समर्थक हूं। हमारे पास 2000 से अधिक कर्मचारी हैं, और हमें न केवल न्यायाधीशों और उनके तत्काल परिवारों के लिए बल्कि स्टाफ सदस्यों के लिए भी जीवन जीने का एक होलिस्टक पैटर्न देखना चाहिए। मैं अखिल भारतीय संस्थान आयुर्वेद के सभी डॉक्टरों का बहुत आभारी हूं।
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा और आयुष मंत्रालय के निदेशक सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी और अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की निदेशक प्रोफेसर तनुजा नेसारी भी उपस्थित थीं।

सुप्रीम कोर्ट परिसर में आयुष समग्र कल्याण केंद्र एक अत्याधुनिक सुविधा है जो शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक कल्याण को संबोधित करते हुए समग्र देखभाल प्रदान करती है, जो भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और कर्मचारियों के समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है। यह सुविधा आयुष मंत्रालय के तत्वावधान में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की सक्रिय भागीदारी से स्थापित की गई है।

सुप्रीम कोर्ट में आयुष कल्याण केंद्र आयुष मंत्रालय के तहत अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) के सहयोग से भारत के सर्वोच्च न्यायालय की एक पहल है। AllA ने LABSNA, सफदरजंग, IIT आदि जैसे कई स्थानों पर अपने केंद्रों का विस्तार किया है, उसी तरह न्यायपालिका, न्यायाधीशों और सर्वोच्च न्यायालय के अन्य कर्मचारियों के लिए एक और समग्र और एकीकृत कल्याण केंद्र खोला जा रहा है।

Related Posts

Cough-Lungs संबंधी बीमारी के लिए रामबाण है दशमूल काढ़ा

एक समय था जब भारत में खांसी और सांस (cough-lungs) संबंधी बीमारियों के लिए आम लोग भी डॉक्टर या वैद्य के पास जाने की बजाए घर में काढ़ा बनाकर पीते…

Ayush Chairs in Foreign Universies: सरकार ने विदेशों में आयुष चेयर्स के लिए मंगाए आवेदन

Ayush Chairs in Foreign Universies: देश दुनिया में भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को मशहूर करने और भारत में ज्य़ादा से ज्य़ादा मेडिकल टूरिज्म के लिए आने वालों की संख्या…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed

Kedarnath Dham: अभी तक कितने VIP पहुंचे बाबा केदार के दर्शनों को

Kedarnath Dham: अभी तक कितने VIP पहुंचे बाबा केदार के दर्शनों को

International Yoga Day 2025 को लेकर 25 हज़ार संगठनों ने किया पंजीकरण

International Yoga Day 2025 को लेकर 25 हज़ार संगठनों ने किया पंजीकरण

Cough-Lungs संबंधी बीमारी के लिए रामबाण है दशमूल काढ़ा

Cough-Lungs संबंधी बीमारी के लिए रामबाण है दशमूल काढ़ा

Ayush Chairs in Foreign Universies: सरकार ने विदेशों में आयुष चेयर्स के लिए मंगाए आवेदन

Ayush Chairs in Foreign Universies: सरकार ने विदेशों में आयुष चेयर्स के लिए मंगाए आवेदन