मधुमेह भारत में एक स्वास्थ्य समस्या बन गई है। इस दौरान शरीर में ब्लड शुगर लेवल काफी बढ़ जाता है। अगर शुरुआती दौर में ही इसका इलाज न किया जाए तो प्रभावित व्यक्ति को दिल से जुड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं। इसके अलावा बढ़ा हुआ शुगर लेवल हमारे नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है, हाथों और पैर की उंगलियों में झनझनाहट पैदा कर सकता है, किडनी, आंखों, ब्लड इफेक्ट पर बुरा असर डालता है। डायबिटीज को जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है लेकिन कुछ उपायों से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
हाल ही में मधुमेह के अध्ययन के निष्कर्षों की जांच की गई है, जिससे पता चला है कि भोजन के बाद 2-5 मिनट तक चलने से रक्त शर्करा कम हो जाता है। इससे पहले हुए कई शोधों में भी यह बात सामने आ चुकी है कि खाने के बाद टहलने से पाचन और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। खाने के बाद 15 मिनट टहलने से ब्लड शुगर लेवल को कम किया जा सकता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है। लेकिन अब यह ज्ञात है कि खाने के बाद थोड़ी देर चलने से भी ये लाभ हो सकते हैं।
शोधकर्ताओं ने हाल ही में सात अध्ययनों के निष्कर्षों की जांच की, जिसमें इंसुलिन और रक्त शर्करा के स्तर सहित हृदय स्वास्थ्य पर बैठने बनाम खड़े होने या चलने के प्रभावों की तुलना की गई। जो निष्कर्ष सामने आए, उन्हें मेटा-विश्लेषण में जोड़ा गया और फिर हाल ही में जर्नल स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित किया गया। अध्ययन में पाया गया कि खाने के बाद दो से पांच मिनट तक हल्की सैर करने से ब्लड शुगर लेवल काफी हद तक नियंत्रित रहता है।
अध्ययन में शामिल लोगों को दो समूहों में विभाजित किया गया था – एक समूह जो भोजन के बाद बैठता था और दूसरा समूह जो भोजन के बाद चलता था। खाने के बाद दो से पांच मिनट तक चलने वाले समूह में रक्त शर्करा में गिरावट देखी गई, जबकि खाने के बाद बैठने वाले समूह में रक्त शर्करा बढ़ा हुआ पाया गया।
इसके साथ ही शोध में यह भी देखा गया कि जो प्रतिभागी आधे घंटे के हर अंतराल पर दो से पांच मिनट टहल रहे हैं, उनका ब्लड शुगर काफी कम हो गया है। शोधकर्ताओं ने पाया कि बैठने या खड़े होने की तुलना में, भोजन के बाद चलने से रक्त शर्करा में गिरावट आई।
पैदल चलना एक बेहतर व्यायाम है
आजकल स्वास्थ्य विशेषज्ञ पैदल चलने के महत्व पर बहुत जोर दे रहे हैं। कई स्टडीज में यह बात सामने आ चुकी है कि रोजाना 20-30 मिनट पैदल चलने से हम कई बीमारियों से बच सकते हैं। यह शरीर में रक्त शर्करा को कम करता है और इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ाता है, जिससे मनुष्यों में टाइप 2 मधुमेह का खतरा कम हो जाता है।
जब हम तेज चलते हैं तो हमारा दिल तेजी से धड़कता है और सांस लेने के लिए हमें ज्यादा ऊर्जा लगानी पड़ती है, जिससे कैलोरी बर्न होती है। पैदल चलने से हमारी मांसपेशियां और जोड़ मजबूत होते हैं। पैदल चलने से हमारा मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।