Energies of mind in Ayurveda: सत्व, रज और तम गुणों का संतुलन बचाता है मानसिक विकारों से

Energies of mind in Ayurveda: आयुर्वेद विज्ञान के मुताबिक मनुष्य का स्वभाव तीन तरह की ऊर्जा के कारण होता है। इनको सत्व, रजस और तम गुण कहा जाता है। ये मन की तीन आवश्यक ऊर्जाएँ भी हैं। आनुवंशिक रूप से निर्धारित, कोई व्यक्ति कैसा होगा, या कैसा व्यवहार करेगा वो इन तीन गुणों से पता लगाया जा सकता है। व्यक्ति की मनोवैज्ञानिक विशेषताएं तीन गुणों पर निर्भर करती हैं।
हालांकि दूसरी ओर प्रत्येक व्यक्ति में तीन गुणों की निश्चित मात्रा होती है, लेकिन एक प्रमुख गुण व्यक्ति की मानसिक संरचना को निर्धारित करता है, इसे मनसा प्रकृति कहा जाता है। संतुलन में, तीनों गुण एक स्वस्थ मन (और अप्रत्यक्ष रूप से एक स्वस्थ शरीर) को बनाए रखते हैं। इस संतुलन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी के कारण ही विभिन्न प्रकार के मानसिक बीमारियां होती हैं।

सबसे अच्छा गुण सत्व होता है। इसकी विशेषता हल्कापन, चेतना, आनंद और स्पष्टता है। यह शुद्ध है, रोग से मुक्त है और इसे किसी भी तरह से परेशान नहीं किया जा सकता है। यह इंद्रियों को सक्रिय करता है और ज्ञान की धारणा के लिए जिम्मेदार है।
रजस गुणों में सबसे अधिक सक्रिय है। जिस व्यक्ति में ये गुण होता है, वो जल्द ही उतेजित हो जाता है और तेज़ी से काम करता है। सभी इच्छाएं, इच्छाएं, महत्वाकांक्षाएं और चंचल मन राजाओं द्वारा शासित होते हैं।
तमस गुण वाले व्यक्ति की विशेषता भारीपन और प्रतिरोध है। यह धारणा और मन की अन्य गतिविधियों में गड़बड़ी का कारण बनता है। मोह, मिथ्या ज्ञान, आलस्य, उदासीनता, निद्रा और तंद्रा तमस के परिणाम हैं।
रजस और तमस जिन व्यक्तियों में होते हैं, उनको मानसिक तौर पर परेशानियां होती हैं। यानि उनके मूड स्विंग होते है, उन्हें गुस्सा आता है, उन्हे तनाव और नकारात्मक इच्छाओं जैसे वासना, द्वेष, भ्रम, लालच, चिंता, भय और क्रोध होता है। अगर ऐसा होता है तो इन गुणों में असंतुलन होता है। इसलिए इन गुणों का संतुलन रखना बहुत जरूरी है।

  • Related Posts

    New Ayush education policy की तैयारियों में जुटा आयुष मंत्रालय

    New Ayush education policy: आयुष क्षेत्र में शिक्षा को बेहतर करने के लिए आयुष मंत्रालय नई शिक्षा नीति का तर्ज पर नई आयुष नीति लाने की तैयारी कर रहा है।…

    दस सालों में आयुष क्षेत्र में हुआ बहुत बड़ा बदलाव, आयुष मंत्रालय की रिपोर्ट

    आयुर्वेद और पारंपरिक भारतीय चिकित्सा (Ayurveda and traditional Indian medicine) में पिछले दस सालों में काफी बढ़ोतरी हुई है। आयुष मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में आयुष के…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    Kedarnath Dham: अभी तक कितने VIP पहुंचे बाबा केदार के दर्शनों को

    Kedarnath Dham: अभी तक कितने VIP पहुंचे बाबा केदार के दर्शनों को

    International Yoga Day 2025 को लेकर 25 हज़ार संगठनों ने किया पंजीकरण

    International Yoga Day 2025 को लेकर 25 हज़ार संगठनों ने किया पंजीकरण

    Cough-Lungs संबंधी बीमारी के लिए रामबाण है दशमूल काढ़ा

    Cough-Lungs संबंधी बीमारी के लिए रामबाण है दशमूल काढ़ा

    Ayush Chairs in Foreign Universies: सरकार ने विदेशों में आयुष चेयर्स के लिए मंगाए आवेदन

    Ayush Chairs in Foreign Universies: सरकार ने विदेशों में आयुष चेयर्स के लिए मंगाए आवेदन