युवा बच्चियों में कमज़ोरी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार के “एनीमिया मुक्त भारत” अभियान की तैयारियां शुरु हो गई हैं। इसके लिए आयुष मंत्रालय की ओर से इस अभियान को चलाने वाले इंवेस्टिगेटर्स की एक बैठक बुलाकर अभियान की चर्चा की गई। पहली बार देश में किसी पोषण अभियान में आयुर्वेद को इतनी बड़ी भूमिका दी गई है।
इस मिशन उत्कर्ष कार्यक्रम के तहत, लगभग 10,000 आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषण ट्रैकर के तहत पंजीकृत 14-18 वर्ष की आयु वर्ग की 94,000 से अधिक किशोरियों सीधे तौर पर जोड़ा जाएगा। इस योजना के लिए समन्वय एजेंसी सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंसेज (CCRAS) कर रही है। एनीमिया से पीड़ित किशोरियों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए बेहतर पोषण के लिए शास्त्रीय आयुर्वेद औषधियां (द्राक्षावलेह और पुनर्नवदी मंडूर) 3 महीने की अवधि के लिए प्रदान की जाएंगी। इस योजना में असम, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र और राजस्थान के धुबरी, बस्तर, पश्चिमी सिंहभूम, गढ़चिरौली और धौलपुर को शामिल किया गया है।
इस परियोजना को दोनों केंद्रीय मंत्रालयों ने फंड किया है। साथ में इसे केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, गुवाहाटी के माध्यम से पांच जिलों में क्रियान्वित किया जाएगा। इस पोषण कार्यक्रम में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, नई दिल्ली; सीएआरआई, भुवनेश्वर; क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, नागपुर और राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर, पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया का आईआईपीएच, दिल्ली महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।