New Ayush education policy: आयुष क्षेत्र में शिक्षा को बेहतर करने के लिए आयुष मंत्रालय नई शिक्षा नीति का तर्ज पर नई आयुष नीति लाने की तैयारी कर रहा है। आयुष मंत्रालय ने इसके लिए आंतरिक सहमति दे दी है और अगले महीने से इसपर कार्य शुरु हो जाएगा। दरअसल आयुष क्षेत्र में शिक्षा के तरीकों में बदलाव को लेकर लंबे समय से बातचीत चल रही है। बहुत सारे आयुष विशेषज्ञ आयुष क्षेत्र में बढ़ोतरी के लिए पढ़ाने के पुराने तरीकों को बदलने की वकालत कर रहे हैं।
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आयुष क्षेत्र में रिसर्च क्षेत्र में प्राथमिकताएं तय करने को लेकर दिल्ली में हुई एक बैठक में आयुष के कालेज और अन्य शिक्षा में बदलाव और सुधार को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे। इसके जवाब में नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसन के चेयरमैन वैद्य जयंत पुजारी ने जानकारी दी कि आयुष क्षेत्र में शिक्षा को बेहतर करने के लिए वो नई आयुष पॉलिसी लाने जा रहे हैं। इसपर अगले कुछ महीनों में काम शुरु होने जा रहा है।
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दरअसल देश में आयुष सिस्टम में बड़ी संख्या में छात्र इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसन की पढ़ाई करते हैं। चाहे वो आयुर्वेद में हो या फिर यूनानी, सिद्धा या होम्योपैथी हो। अंडरग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट मिलाकर आयुष क्षेत्र में ही 1137 कॉलेज हैं, जिनमें हर साल लगभग 70 हज़ार छात्र दाखिला ले रहे हैं। ऐसे में नए जमाने के साथ इस सेक्टर को खड़ा करने के लिए जरुरी है कि इस सेक्टर के छात्र नई नई चीजें सीखें, इसके लिए आयुष मंत्रालय नई शिक्षा नीति की तैयारियों में लगा हुआ है।