Respiratory system in Ayurveda: देश में प्रदुषण की वजह से अस्थमा तेज़ी से बढ़ रहा है, बच्चों के बीच में भी अस्थमा देखा जाने लगा है। ऐसे में आयुर्वेद और योग दोनों मिलकर इस ख़तरनाक बीमारी से राहत दिला सकते हैं। कई रिसर्च में भी पाया गया है कि अस्थमा जैसी बीमारी में आयुर्वेद के विभिन्न आयाम मॉर्डन मेडिसिन से बेहतर रिजल्ट देते हैं। आयुष मंत्रालय आयुर्वेद और अन्य आयुष में होने वाली रिसर्च को लोगों को बताने के काम में लगा हुआ है। आयुष रिसर्च में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के द्रव्यगुण विभाग के स्कॉलर बिनय सेन, एस डी दूबे, वी पी सिंह और के त्रिपाठी ने अपनी एक रिसर्च में पाया कि आस्थमा और सांस के रोगों में आयुर्वेद की घनसत्व काफी हद तक इस बीमारी को ठीक करने में कामयाब रहता है।
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https://ayushportal.nic.in/ShowDefault.aspx?IDD=2172
इस रिसर्च में तीन समूह बनाए गए थे, जिसमें 10 मरीजों के तीन ग्रुप्स पर इस रिसर्च को किया गया था। पहले ग्रुप को 45 दिनों तक दिन में 3 बार घनसत्व टेबलेट दी गई थी। जबकि दूसरे ग्रुप को मॉर्डन मेडिसन के हिसाब से अस्थमा की दवाई दी गई थी। तीसरे ग्रुप को आयुर्वेद और मॉर्डन तरीके की दवाइयां दी गई थी। 45 दिनों के बाद इन सभी मरीजों की जब जांच की गई तो पाया गया कि पहले ग्रुप के मरीजों की स्थिति दूसरे ग्रुप की तुलना में काफी बेहतर थी। हालांकि तीसरा ग्रुप के अस्थमा मरीजों की स्थिति भी काफी बेहतर पाई गई। ग्रुप तीन के मरीजों को सांस लेने, सांस फूलने, खांसी और दूसरी परेशानियों में काफी कमी हो गई।।