Siddha: आयुर्वेद चिकित्सा का दूसरा रूप है सिद्ध चिकित्सा

Siddha: भारत और आयुर्वेद का नाता सदियों पुराना है, भारत ने ही आयुर्वेद को जन्म दिया है ऐसे में कई प्रकार कि चीजें और प्रयोग इसमे देखने को मिल जाते है जो चिकित्सा सम्बंधित होती है, ऐसे ही एक अत्यन्त प्रभावी और पुरानी चिकित्सा परम्परा है जिसे सिद्ध चिकित्सा कह्ते है।

सिद्ध चिकित्सा क्या है?

सिद्ध् चिकित्सा भारत के तमिलनाडु में काफी प्रचलित है यह भी आयुर्वेद के तरह ही होती है,लोगों का मानना है की इस परंपरा को सिद्ध और नाथ सम्प्रदाय ने शुरू किया था।

चिकित्सा को लेकर इनके विचार भी आयुर्वेद सम्बंधित ही है कुछ मायने में अलग नुस्खे अपनाये गए है।
सिद्ध प्रणाली के अनुसार, प्रकृति में पांच तत्व मौजूद हैं: पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश, ये सभी भौतिक चीजों का मूल आधार हैं।

सिद्ध चिकित्सा दिवस

आयुष मंत्रालय द्वारा हर साल अगथियार के जन्मदिन के अवसर पर सिद्ध दिवस मनाया जाता है, जो मार्गज़ी महीने के अईलयम स्टार के दौरान आता है।

इस वर्ष 23 दिसंबर, 2021 को यह दिन आया था इस वर्ष पांचवी सिद्ध दिवस पर इसका विषय “संक्रामक रोगों के लिए सिद्ध चिकित्सा की शक्ति” था।

आयुर्वेद और सिद्ध चिकित्सा में अंतर

आयुर्वेद और सिद्ध दोनों मानते हैं कि रोग तीनों भावों के असंतुलन के कारण होता है।आयुर्वेद पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश के पांच तत्वों पर केंद्रित है जो रक्त, पित्त, मांस, उपवास, अस्थि मज्जा और वीर्य को प्रभावित करते हैं। यह सर्जरी, योग, ध्यान और मालिश तकनीकों का उपयोग करता है।

विकास के लिए सिद्ध सात तत्वों सरम (plasma), मांसपेशियों के पोषण के लिए चेनीर (blood), शरीर के आकार के लिए ऊन (muscle),फैटी टिश्यू और जोड़ों के स्नेहन के लिए कोल्ज़ुप्पु (fatty tissue), शरीर की मुद्रा के लिए एनबू (bone) पर केंद्रित है। शक्ति के लिए मूलई (nerve) और प्रजनन के लिए सुकीला (semen)।

पांचवी सिद्ध दिवस 2021

23 दिसंबर 2021 को पांचवें सिद्ध दिवस के रूप में सिद्ध में केंद्रीय अनुसंधान परिषद, राष्ट्रीय सिद्ध संस्थान और भारतीय चिकित्सा और होम्योपैथी निदेशालय, तमिलनाडु सरकार द्वारा आयोजित किया गया था।

इस प्रमुख आयोजन से पहले, कई अन्य पूर्व-सिद्ध दिवस गतिविधियों का आयोजन कई अन्य पेरिफेरल में किया गया है। हर वर्ष इसका विषय अलग रखा जाता है इस वर्ष “Strength of Siddha Medicine for Communicable Diseases” रखा गया था।

Related Posts

Cataract-Motiabind को ठीक करने के अचूक औषधी है त्रिफलाघृत

Cataract-Motiabind- मोतियाबिंद एक ऐसी बीमारी है, जिसके बारे में लोग अक्सर सोचते हैं कि यह सिर्फ ऑपरेशन से ही ठीक हो सकती है, लेकिन आयुर्वेद के जरिए यह बीमारी बिना…

Kedarnath Dham: अभी तक कितने VIP पहुंचे बाबा केदार के दर्शनों को

Kedarnath Dham: केदारनाथ धाम के दर्शन करने वालों की लिस्ट में रविवार को देश के थलसेना अध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी का नाम भी जुड़ गया। जनरल द्विवेदी रविवार को केदारनाथ…

One thought on “Siddha: आयुर्वेद चिकित्सा का दूसरा रूप है सिद्ध चिकित्सा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed

Ayurved: मीट और अंडे की बजाए खाएं यह तो मिलेगा भरपूर प्रोटीन

  • By एसk
  • July 17, 2025
  • 943 views
Ayurved: मीट और अंडे की बजाए खाएं यह तो मिलेगा भरपूर प्रोटीन

Impact of Yoga Day: योग और ध्यान पर रिसर्च और क्लिनिकल ट्रायल्स में भारी बढ़ोतरी

Impact of Yoga Day: योग और ध्यान पर रिसर्च और क्लिनिकल ट्रायल्स में भारी बढ़ोतरी

अब और भी भव्य होता जा रहा है International Yoga Day: प्रधानमंत्री मोदी

  • By एसk
  • June 29, 2025
  • 244 views
अब और भी भव्य होता जा रहा है International Yoga Day: प्रधानमंत्री मोदी

Cataract-Motiabind को ठीक करने के अचूक औषधी है त्रिफलाघृत

Cataract-Motiabind को ठीक करने के अचूक औषधी है त्रिफलाघृत