WHO Traditional Medicine Summit: पूरी दुनिया में आयुर्वेद और अन्य चिकित्सा पद्धतियों को मुख्यधारा में लाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन और आयुष मंत्रालय गांधीनगर में पारंपरिक चिकित्सा पर एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय सेमिनार करने जा रहा है। इसमें देश दुनिया के बड़े-बड़े चिकित्सक और विशेषज्ञ भाग लेंगे।
कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कटोचा ने बताया कि दुनिया भर में चिकित्सा को हर व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए चल रहे प्रयासों में आयुर्वेद और अन्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को बड़े स्तर पर उपयोग की पॉलिसी को बनाने में यह सम्मेलन मदद करेगा। इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत के जामनगर में दुनिया का पहला पारंपरिक चिकित्सा पद्धति का सेंटर खोला था।
17 और 18 अगस्त को होने वाले डब्ल्यूएचओ (WHO) अंतरराष्ट्रीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति सम्मेलन के बारे में बताते हुए महानिदेशक (RIS) प्रोफेसर सचिन चतुर्वेदी ने बताया की मॉडर्न साइंस के साथ-साथ पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के विकास के लिए जरूरी है कि उन्हें भी मॉडर्न साइंस की तकनीकों के साथ सम्माहित किया जाए। लिहाजा इस तरह के सम्मेलन बहुत जरूरी है उन्होंने बताया की जिस तरह से मॉडल चिकित्सा पद्धति में वेटिंग रिसर्च और अन्य तकनीकी पैरामीटर का इस्तेमाल किया जाता है, उसी तरह पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में भी इनका इस्तेमाल कर उन्हें और ज्यादा बेहतर किया जा सकता है।