बरसात के मौसम में बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है, जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस मौसम में सामान्य सर्दी, बुखार और पेट की समस्याएं कहर बरपाती हैं। इनसे बचने के लिए लोग कई दवाइयों का सेवन करते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे आस-पास पाई जाने वाली कई जड़ी-बूटियां इन बीमारियों से आसानी से छुटकारा दिला सकती हैं। इन्हीं में से एक है गिलोय। यह एक बेल है, जो पेड़ों के ऊपर लटकती है। गिलोय को आयुर्वेद में स्वास्थ्य के लिए वरदान माना गया है। गिलोय का सही तरीके से सेवन करने से इम्यूनिटी को फौलादी बनाया जा सकता है।
आयुर्वेद के चिकित्सकों के मुताबिक गिलोय में कई औषधीय गुण होते हैं, जिसके कारण आयुर्वेद में इसे काफी फायदेमंद जड़ी बूटी माना गया है। गिलोय को गुडूची कहा जाता है। इसकी तासीर गर्म होती है, जिसकी वजह से इसे सर्दी और फ्लू से राहत दिलाने में काफी कारगर माना जा सकता है। गिलोय को सबसे शक्तिशाली प्राकृतिक प्रतिरक्षा बूस्टर भी माना जाता है। इसमें पाए जाने वाले औषधीय तत्व शरीर में पहुंचकर हमारे पाचन तंत्र को भी दुरुस्त करते हैं और बीमारियों से राहत दिलाने में मददगार साबित होते हैं। गिलोय आमतौर पर नीम या किसी भी पेड़ पर लटका हुआ पाया जाता है और इसकी लकड़ी का उपयोग दवा के रूप में किया जाता है।
गिलोय के सेवन से होने वाले 5 बड़े फायदे
गिलोय का काढ़ा बनाकर पीने से किसी भी तरह का बुखार ठीक होने में मदद मिलती है। गिलोय का काढ़ा दिन में तीन बार पीने से बुखार कुछ ही दिनों में पूरी तरह से ठीक हो जाता है।
सर्दी-जुकाम की समस्या से परेशान लोग अगर गिलोय का सेवन करें तो उन्हें इस समस्या से जल्द ही राहत मिल सकती है. लंबे समय तक इसका सेवन करने से भी इस समस्या के खतरे को कम किया जा सकता है।
गिलोय को सबसे शक्तिशाली इम्यूनिटी बूस्टर माना जा सकता है। गिलोय का काढ़ा, गोली या पाउडर का सेवन करने से इम्यूनिटी मजबूत होने में मदद मिलती है। गिलोय का सेवन करने से बीमारियों से बचाव होता है
आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार, गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर की सूजन को कम करने में मदद करते हैं। अर्थराइटिस से पीड़ित लोग गिलोय का सेवन करेंगे तो उनका दर्द काफी कम हो सकता है और सूजन भी कम हो जाएगी।
- हाई कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज के मरीजों के लिए गिलोय का सेवन करना काफी फायदेमंद माना जा सकता है. गिलोय में मौजूद औषधीय गुण कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं.
गिलोय का काढ़ा बनाने की विधि
गिलोय का काढ़ा बनाने के लिए सबसे पहले गिलोय की लकड़ी को अच्छी तरह से धोकर पानी में कुछ देर उबालें। ध्यान रखें कि इसे उबालते समय बर्तन का ढक्कन बंद न करें और जब बर्तन में पानी एक चौथाई रह जाए तो गैस बंद कर दें। जब यह ठंडा हो जाए तो इसे छानकर किसी बोतल या बर्तन में रख लें। इस तरह गिलोय का आपका काढ़ा तैयार हो जाएगा। गिलोय के इस काढ़े का सेवन आप कम मात्रा में दिन में तीन बार कर सकते हैं। गिलोय का काढ़ा आप कई महीनों तक पी सकते हैं, क्योंकि इससे शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। गिलोय सिर्फ सेहत को फायदा पहुंचाता है। अगर आपको गिलोय की लकड़ी नहीं मिलती है तो आप बाजार में मिलने वाली गिलोय की गोलियां और पाउडर ले सकते हैं।