भारत में किडनी स्टोन डिजीज (केएसडी) काफी आम बीमारी है। देश में लगभग 12 प्रतिशत जनसंख्या में किडनी स्टोन बनने का डर ज्यादा होता है। इनमें से आधे मामलों में किडनी को नुकसान हो जाता है। किडनी स्टोन होने पर बहुत तेज दर्द होता है। जिससे कई बार अस्पताल तक में भर्ती होना पड़ता है। इसके इलाज में लापरवाही करने से बीमारी बढ़ सकती हैं। इसके बढ़ने से इन्फेक्शन, यूरेटर में रुकावट और खून बहना आदि हो सकता है।
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आयुर्वेदाचार्या कृतिका उपाध्याय के अनुसार, हमेशा की तरह इस मामलों में भी बीमारी से पहले ही अपने को सुधार लेना बेहतर रहता है। इसलिए, लोगों को किडनी स्टोन के खतरों को शुरुआत में ही कम करने की कोशिश करनी चाहिए आयुर्वेद में यह काम प्राकृतिक रूप से किया जा सकता है। कम मात्रा में पानी या लिक्विड लेने से पेशाब गाढ़ा होने लगता है और धीरे-धीरे में पत्थर बनाने लगता है, इन्हें ही हम किडनी स्टोन कहते हैं। किडनी स्टोन बनने से रोकने का सबसे आम और सबसे अच्छा तरीका जरुरी मात्रा में पानी पीना है। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी और पेशाब पतला रहेगा।
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आंवला, संतरा, मौसमी और नींबू जैसे फलों का खूब सेवन करना चाहिए, इन फलों में सिट्रिक एसिड होता है, जो किडनी में स्टोन को बनने से रोकता है और बन चुकी पथरी को तोड़ने में मदद करता है। हालांकि सिट्रिक एसिड के लिए सप्लीमेंट्स नहीं लेना चाहिए बल्कि प्राकृतिक संसाधन पहली पसंद होने चाहिए।
पथरी अगर बन जाए तो क्या करें
पथरी अगर है शरीर में इसका सबसे अच्छा उपाय है धनिया पत्ता है। धनिया पत्ता की चटनी बनाइए और एक चम्मच गुनगुने पानी में मिलाकर पी जाए। अगर हरा धनिया ना मिले तो सूखा धनिया भी इस्तेमाल कर सकते हैं, खाली पेट लेने से जल्द ही असर होगा। इस दौरान चूना बिलकुल ना खाएं।