अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA), नई दिल्ली और एमिटी यूनिवर्सिटी के बीच एजुकेशन, रिसर्च और टेक्नॉलॉजी पर सहयोग करने के लिए महत्वपूर्ण समझौता (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। एमओयू पर एआईआईए की निदेशक प्रो. तनुजा नेसारी और एमिटी विश्वविद्यालय की संयुक्त रजिस्ट्रार आशा प्रेमनाथ ने हस्ताक्षर किए। यह एमओयू एमिटी विश्वविद्यालय के साथ चल रहे पांच साल के समझौते का ही एक्सटेंशन करता है। एमओयू पर एमिटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. अतुल चौहान के नेतृत्व में और आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में हस्ताक्षर किए गए।
कार्यक्रम में एमिटी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बलविंदर शुक्ला, एमिटी विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. डब्ल्यू सेल्वामूर्ति, डीन डॉ. बीसी दास और एमिटी विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश के अन्य वरिष्ठ सदस्य मौजूद थे। एमओयू का उद्देश्य सहयोगी शिक्षा कार्यक्रमों, प्रकाशनों, क्षमता निर्माण और संयुक्त क्षमता निर्माण परियोजनाओं को बढ़ावा देना है। इसमें क्षमता निर्माण और आजीवन सीखने के माध्यम से अकादमिक उत्कृष्टता, तकनीकी उन्नति और अत्याधुनिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देना शामिल है। समझौता ज्ञापन अकादमिक, शोध और प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए छात्रों और शिक्षकों के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करेगा। इस अवसर पर, AIIA की निदेशक प्रो. तनुजा नेसारी ने कहा कि संस्थान एक विकसित भारत के लिए प्रधानमंत्री के विजन 2047 को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है और यह समझौता ज्ञापन उस दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। ज्ञान और अनुसंधान को साझा करके हम विकास को आगे बढ़ा सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि आयुर्वेद के क्षेत्र में अनुसंधान और प्रलेखन को बढ़ावा देने के लिए AIIA ने IIT और CSIR जैसे प्रमुख संस्थानों सहित राष्ट्रीय स्तर के तकनीकी संस्थानों और विश्वविद्यालयों के साथ 40 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके अतिरिक्त, प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ 17 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस महत्वपूर्ण अवसर पर शालाक्य तंत्र विभाग की प्रमुख प्रो. मंजूषा राजगोपाला, एमएस प्रो. आनंदरामन शर्मा और AIIA के अन्य वरिष्ठ संकाय सदस्य भी मौजूद थे। कार्यक्रम का समन्वयन द्रव्यगुण विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शिवानी घिल्डियाल ने किया।