Uttrakhand में आयुर्वेदिक औषधियों के खजाने को ढूंढने के लिए अब पतंजलि योगपीठ (https://patanjaliayurved.org/) और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (https://www.nimindia.net/) मिलकर अभियान चलाएंगे। इसके तहत सबसे पहले हर्सिल चोटी पर आयुर्वेदिक औषधियों की खोज की जाएगी। पिछले साल भी पतंजलि आयुर्वेदिक हरिद्वार और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान ने गंगोत्री ग्लेशियर और इसके आसपास की छुट्टियों पर इस तरह का अभियान चलाया था। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के मुताबिक, हर्षित घाटी में करीब 4000 मीटर की ऊंचाई पर आयुर्वेदिक औषधियों के लिए नेहरू पर्वतारोहण संस्थान और पतंजलि आयुर्वेद का एक दल आज रवाना होने जा रहा है।
नीम के प्राचार्य कर्नल अंशुमन भदौरिया और पतंजलि आयुर्वेद के आचार्य बालकृष्ण इस अभियान की अगुवाई करेंगे। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की ओर से इस अभियान में दशरथ सिंह रावत, गिरीश राणा, कोटी सौरभ रौतेला, अनु पवार और रविंद्र रावत होंगे।
भारत में हिमालय क्षेत्र में बहुत सारे स्थानों पर आयुर्वेद की बहुत महत्वपूर्ण औषधियां पैदा होती है। बहुत बार इन औषधियों को चोरी छुपे निकालकर स्मगलिंग के जरिए चीन भी भेजा जाता है। खासकर उत्तराखंड की कई जड़ी बूटियां चीन में भेजी जाती रही है, जिसका इस्तेमाल वहां के स्पोर्ट्समैन करते हैं। इसी तरह बहुत सारी जड़ी बूटियां सेक्स पावर को बढ़ाने के लिए भी इस्तेमाल में आती है। इनको भी चोरी चुपके निकालकर विदेशों में स्मगल किया जाता है। लेकिन पतंजलि और अन्य संस्थान मिलकर इन जड़ी बूटियों की खोज में लग गए हैं। इनके जरिए से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिले और भारत के आयुर्वेद का नाम दुनिया भर में भी हो।