उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ ने परंपरागत चिकित्सा को बढ़ावा देन के लिए बड़ा फैसला किया है। राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा और योग पद्धति से जुड़ी संस्थाओं के संचालन और इस विधा के चिकित्सकों के पंजीयन के लिए प्रदेश में एकीकृत “आयुष बोर्ड” के गठन का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयुष विभाग की समीक्षा बैठक में ये दिशा-निर्देश दिए। वर्तमान में आयुर्वेदिक, यूनानी और होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के लिए तीन अलग-अलग बोर्ड चल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने इन सभी को एकीकृत कर एक बोर्ड के तहत लाने के निर्देश दिए। इससे नए संस्थानों की स्थापना और विकास की प्रक्रिया आसान होगी और डिग्री प्राप्त डॉक्टरों के पंजीकरण में भी आसानी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बदलते समय के साथ युवाओं में योग और प्राकृतिक चिकित्सा में करियर बनाने की इच्छा बढ़ी है। योग और प्राकृतिक चिकित्सा संस्थानों की स्थापना के लिए निजी क्षेत्र से भी प्रस्ताव प्राप्त हो रहे हैं।
ऐसे में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा संस्थाओं के नियमन तथा आयुष बोर्ड के तहत चिकित्सकों के पंजीयन की कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित आयुष बोर्ड की अध्यक्षता महानिदेशक करेंगे, जबकि आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी और योग और प्राकृतिक चिकित्सा प्रणालियों के विभिन्न निदेशक स्तर के अधिकारी इस प्रणाली को चलाएंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि संस्थानों के लिए निर्धारित मानकों को व्यावहारिक बनाया जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश तेजी से स्वास्थ्य पर्यटन के नए केंद्र के रूप में उभर रहा है। योग और प्राकृतिक चिकित्सा जैसी भारतीय चिकित्सा प्रणालियों को प्रोत्साहित करना इस दिशा में बहुत उपयोगी होगा। प्रदेश में स्थापित होने वाले नए संस्थानों में शोध अध्ययन और पेटेंट को बढ़ावा देने के लिए भी विशेष प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
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