Ayurveda में भी Pitra paksha का है जिक्र, पूर्वजों की नाराजगी मानसिक बीमारियों को देती है जन्म

Date:

पितृ पक्ष शुरु हो गया है, आयुर्वेद में भी पितृ पक्ष का जिक्र किया गया है और जो बीमारियां मन के साथ जुड़ी होती हैं, उन्हें भूत चिकित्सा में पितरों की नाराजगी के तौर पर देखा जाता है। आयुर्वेद के महान ग्रंथ चरक सहिंता में भूत चिकित्सा बताई गई है। जिसके 9 कारक बताए गए हैं। इसमें देवता (Deva), असुर (Asura/Daitya), गंधर्व (Gandharva), यक्ष (Yaksha), राक्षस (Rakshasa), पिशाच (Pishach), नाग (Naaga), गृह (Graha) और पितर (PITARA) मानसिक बीमारियों के कारक बताए गए हैं। ये बीमारियां अलौकिक शक्तियों या किसी बुरी आत्मा के आक्रमण के कारण हो सकती हैं। 

आयुर्वेद में ये चिकित्सा सिखाई जाती है, इसमें पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। इस दौरान कहा जाता है कि हमारे पूर्वज वापस आते हैं और हम उनकी सेवा कर उनका आशिर्वाद लेते हैं। लिहाजा अपने मन की शांति के साथ साथ भौतिक तौर पर अपनी बढ़ोतरी के लिए इस पक्ष के दौरान लोगों की सेवा और उनकी सेवा करने को विशेष बताया गया है।
आयुर्वेद में पिछले कर्मों को कुछ बीमारियों का कारक माना जाता है। भूत विद्या उन कारणों से संबंधित है, जो प्रत्यक्ष रूप से दिखाई तो नहीं देती हैं और त्रिदोष के संदर्भ में उनकी कोई प्रत्यक्ष व्याख्या नहीं है। इन बीमारियों में अधिकांश मन की अशांति होती है और जिसका कोई प्रत्यक्ष कारण नहीं होता है। जहां राजस (जुनून) और तमस (अज्ञान) को योगदान देने वाले कारक माना जाता है। 
आयुर्वेद के अनुसार, ये मानसिक रोग देव, असुर, गंधर्व, यक्ष, राक्षस, पितर, पिशाच, नाग और अन्य राक्षसों या बुरी आत्माओं के कारण होता है। इन बीमारियों की सटीक पैथो-फिजियोलॉजी पर बड़े पैमाने पर शोध किया गया है, लेकिन आधुनिक विज्ञान में ये क्यों होती हैं, इसका कोई सटीक कारण अभी तक नहीं मिला है। आयुर्वेद में रोगी की मनोवैज्ञानिक परेशानियों को शांत करने के लिए जड़ी-बूटियों, आहार, मंत्रों और ध्यान और प्रणायाम जैसी योग चिकित्सा का उपयोग किया जाता है, आधुनिक विज्ञान भी अब मानसिक चिकित्सा में योग, ध्यान और मंत्रों को बताता है। लिहाजा आयुर्वेद को मानने वालों को इन दौरान सात्विक जीवन जीना चाहिए और दान पुण्य करना चाहिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Siddha for Anaemia: किशोरियों में खून की कमी को दूर करती हैं “सिद्धा” दी दवाएं

Siddha for Anaemia: किशोरियों में खून की कमी यानि...

Ayurveda NExT Exam update: पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के लिए अनिवार्य हुआ NExT Exam

Ayurveda NExT Exam update: आयुर्वेद सहित विभिन्‍न पारंपरिक चिकित्‍सा पैथियों...

देश में पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को बढ़ाने के लिए 10 नए आयुष संस्थान खोलेगी केंद्र सरकार

देश में पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को ज्य़ादा से ज्य़ादा...

नींद से जुड़ी समस्याओं का आयुर्वेदिक तरीके से दूर करेगा AIIA

अगर आपको नींद आने में कोई समस्या है और...