Ayush drugs: देश में आयुष दवाओं की क्वालिटी को बेहतर करने के लिए सरकार ने 65 निजी लैब्स को मंजूरी दी है। ये लैब्स आयुष दवा कंपनियों की क्वालिटी चेक करने के प्रोसेस को तेज़ करेंगी और 35 सरकारी लैब्स के साथ मिलकर काम करेंगी। सरकार ने विदेशों में भी आयुष दवाओं के एक्सपोर्ट के लिए कुछ नए कदम उठाए हैं।
लोकसभा में एक सवाल के जवाब में आयुष मंत्री सर्बानंद सोनेवाल ने बताया कि, आयुष की दवाओं में स्टैंडर्ड लाने और उनकी गुणवत्ता सुधारने के लिए सरकार ने आयुष औषधी गुणवत्ता एवं उत्पादन संवर्धन योजना (AOGUSY) योजना शुरु की हुई है, इस योजना के तहत सरकार आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथी के सभी फार्मूलेशन को पब्लिश कर रही हैं, ताकि देश में उपलब्ध सभी तरह के फार्मूलेशन सरकार के पास दर्ज रहें, साथ ही इन दवाओं के उत्पादन की क्वालिटी को बेहतर रखने के लिए राज्य सरकारों की 35 लैब्स को बेहतर किया है। सोनेवाल के मुताबिक, सरकार ने निजी क्षेत्र की 65 लैब्स को भी मंजूरी दी गई है। ताकि दवाओं की चैकिंग जल्द हो सके।
आयुष दवाओं के निर्यात के लिए GMP
सरकार ने आयुष दवाओं के विदेशों में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 31 आयुष दवा कंपनियों को WHO-GMP सर्टिफिकेट दिया गया है। इससे विदेशों में इन आयुष कंपनियों की दवाओं की क्रेडिबिटिली बढ़ेगी और कई विकसित देशों में भी ये कंपनियां अपनी दवाएं बेच पाएंगे।