Rudraksh से बनी दवा से हो सकता है कैंसर का इलाज

Date:

आयुर्वेद के जरिए कैंसर का इलाज बहुत सी जगह पर हो रहा है, ऐसे में रुद्राक्ष से बनी दवा से कैंसर के इलाज पर एक रिसर्च सामने आई है, जिसके इस्तेमाल से चूहों का कैंसर ठीक हो गया, अब इसका ट्रायल इंसानों पर किया जाएगा।

कहा जाता है कि रुद्राक्ष असल में रुद्र के आंसू से बना है और अब यही रुद्राक्ष कैंसर के उपचार का बड़ी दवा भी बन सकती है, क्योंकि चूहों पर किए गए ट्रायल में इसको बड़ी सफलता मिली है। जल्द ही इंसानों पर इसके ट्रायल के लिए शोधार्थियों और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के बीच अनुबंध होने जा रहा है।

रुद्राक्ष पर शोध करने वाले शोधार्थियों का दावा है कि रुद्राक्ष में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एनर्जी के साथ फाइटो केमिकल्स, एल्केलाइट, फिनोलिक एवं फ्लेवेनोइड्स भी होते हैं। फाइटो केमिकल का असर कीमोथेरेपी की तरह होता है, जहां कीमोथेरेपी में कई साइड इफेक्ट्स है, लेकिन रुद्राक्ष के फाइटो केमिकल्स में कोई साइड इफेक्ट नहीं है।

दरअसल बनारस के शोभित विश्वविद्यालय के डॉक्टर शिवा शर्मा, डॉक्टर मनीष शर्मा और शोधार्थी मिलन सागर, प्रशांत पांडे ने रुद्राक्ष पर शोध किया है। रुद्राक्ष के फाइटो केमिकल्स का परीक्षण कैंसर पीड़ित चूहों पर किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कैंसर से गंभीर पीड़ित चूहों को दिन में तीन बार फाइटो केमिकल से बनी दवा की डोज दी गई। साथ ही 15-15 दिनों के बाद उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इस दौरान चूहों की भूख प्यास पर कोई असर नहीं हुआ, उनका लिवर, किडनी और बाकी अंग ठीक से काम करते रहे। बड़ी बात यह है कि कुछ दिनों के परीक्षण के बाद चूहों को कैंसर से मुक्ति मिल गई।

शोध करने वाले डॉक्टर शिवा शर्मा का कहना है कि रुद्राक्ष ना सिर्फ धारण करने से स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है, बल्कि दवा के रूप में भी उम्मीद से ज्यादा फायदेमंद है। 26 तथ्यों से युक्त रुद्राक्ष की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड इंसान की बायो इलेक्ट्रिसिटी के संपर्क में आने से हीलिंग थेरेपी का काम करती है। इससे हाई बीपी तनाव से राहत तो मिलती है, साथ ही साथ इसका फाइटो केमिकल्स बहुत सारे रोगों में काम आता है, यह कैंसर रोगियों के लिए एक रामबाण की तरह है। कीमोथेरेपी कराने वालों को बाल झड़ना, भूख प्यास ना लगाना, बेचैनी और घबराहट जैसे बहुत से साइड इफेक्ट होते हैं। लेकिन रुद्राक्ष से बनी दवा से किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

यूरोपीय देशों में भी हो रही है Ayurveda को लेकर चर्चाएं

भारतीय आयुर्वेद (Indian Ayurveda) की धूम दुनिया जहान में...

क्यों है Pranayama जीवन को स्वस्थ और सुखी रखने का उपाए

Practicing Pranayama: इन दिनों देश दुनिया में मानसिक रोग...

Ayurveda से इलाज के लिए 5 करोड़ लोगों का किया जाएगा प्रकृति परीक्षण

केंद्रीय आयुष मंत्रालय (Union Ministry of AYUSH) देशभर में...