आयुर्वेद को लेकर अब बड़े-बड़े अस्पतालों में रिसर्च का काम शुरु हो गया है। दिल्ली के एम्स और सफदरजंग अस्पताल में तो आयुर्वेद विभाग चल रहे हैं और ये देश के दोनों सबसे बड़े अस्पताल अपने यहां आयुर्वेद को लेकर नई-नई रिसर्च कर रहे हैं। इसी कड़ी में दिल्ली का लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल भी अब आयुर्वेद की दवाओं और इलाज पर रिसर्च को लेकर एकीकृत विभाग बना रहा है।
एलोपैथी और आयुर्वेद के इस एकीकृत विभाग में आयुर्वेद के अन्य इलाज के साथ साथ पंचकर्म की सुविधा शुरू हो रही हैं। इस विभाग से आयुर्वेद और एलोपैथी का हाइब्रिड इलाज मिल सकेगा। अस्पताल में आयुर्वेदिक दवाओं पर जॉइंट रिसर्च और एकेडमिक एक्टिविटी करने के लिए सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वैदिक साइंसेज (CCRAS) के साथ एक समझौता किया गया है। जिसमें लेडी हार्डिंग अस्पताल में आयुर्वेद और एलोपैथिक का इलाज एक साथ किया जाएगा। साथ ही आयुर्वेदिक दवाओं पर रिसर्च भी की जाएगी।
दरअसल मोदी सरकार के आने के बाद आयुर्वेद को भी मॉडर्न तरीके से इलाज के लिए इस्तेमाल करने के लिए जोर दिया जा रहा है। इसीलिए सभी बड़े सरकारी अस्पताल एलोपैथी के साथ-साथ अब पारंपरिक चिकित्सा में भी काम कर रहे हैं। इसके तहत बड़े सरकारी अस्पताल अपने यहां आयुर्वेद के साथ-साथ अन्य चिकित्सा पद्धतियों के विभाग भी खोल रहे हैं, ताकि मरीज को बेहतर करने के लिए सभी चिकित्सा पद्धतियों का इस्तेमाल हो सके। आजकल एलोपैथी के बड़े डॉक्टर भी योग और आयुर्वेद की कुछ पद्धतियों को अपने इलाज में लिखने लगे हैं।