भारतीय न्याय संहिता में आयुर्वेद और पारंपरिक डॉक्टर्स के साथ हुआ अन्याय

Date:

बेशक मोदी सरकार के राज में पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों (traditional medical practices) को काफी बढ़ावा मिला है, लेकिन अभी भी सरकारी बाबू आयुर्वेद, होम्योपैथी, सिद्धा और अन्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के डॉक्टर्स के साथ दोहरा व्यवहार करने से बाज़ नहीं आ रहा है।
इसका ताजा उदाहरण भारतीय न्याय संहिता (THE BHARATIYA NYAYA SANHITA, 2023) के सेक्शन 106 में मार्डन मेडिसिन (modern medicine) से एमबीबीएस किए हुए और नेशनल मेडिकल कमीशन (National Medical Commission) में रजिस्टर्ड डॉक्टर्स को जहां दुर्घटनावश हुई किसी मरीज की मृत्यु पर दो साल की कारावास का प्रावधान है, लेकिन अगर इसी तरह का कोई हादसा अगर आयुर्वेद, होम्योपैथी या फिर यूनानी के चिकित्सक के जरिए हो जाए तो उन्हें 5 साल की सजा होगी। इसको लेकर पारंपरिक चिकित्सा जगत में काफी नाराजगी है।

इसको लेकर आयुर्वेद के साथ साथ अन्य चिकित्सा पद्धतियों के डॉक्टर्स ने भी सरकार को इस भेदभाव को खत्म करने के लिए चिट्ठी लिखी है। इस बारे में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आनंद चौधरी ने कहा है कि जितनी ट्रेनिंग और पढ़ाई मार्डन मेडिसिन से एमबीबीएस, एमडी करने में होती है उतनी ही मेहनत पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों से बीएएमएस, बीएचएमएस और यूनानी करने वाले भी करते हैं, फिर ऐसा क्या है कि अगर किसी मरीज की किसी दुर्घटना से मृत्यु हो जाती है तो एमबीबीएस वाले डॉक्टर को दो साल और पारंपरिक चिकित्सा पद्धति वाले को पांच साल की सजा होगी।
इसपर आईएमए (आयुष) के डॉक्टर अनूप कुमार कहते हैं कि हमारे पास तो मरीज मार्डन मेडिसन से थक हारने के बाद आते हैं और हमारी दवाइयां मरीजों को रिएक्शन नहीं करती है। अगर आप रेशो निकालेंगे तो मार्डन चिकित्सकों के मुकाबले हमारे यहां मरीजों की डेथ नहीं के बराबर है।

एक बड़े सरकारी आयुर्वेद संस्थान के एचओडी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि हम रोज़ाना सैकड़ों मरीजों का इलाज कर रहे हैं, हमारे यहां डेथ ना के बराबर है, लेकिन कई बार हो सकता है कि मरीज बहुत ही खराब स्थिति में आए और हमारे हाथ में कुछ ना हो, ऐसे में मरीज का परिवार भावनावश कुछ भी आरोप लगाता है, ऐसे में हमें भी वैसा ही प्रोटेक्शन मिलना चाहिए, जोकि बाकी डॉक्टर्स को मिलता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

यूरोपीय देशों में भी हो रही है Ayurveda को लेकर चर्चाएं

भारतीय आयुर्वेद (Indian Ayurveda) की धूम दुनिया जहान में...

क्यों है Pranayama जीवन को स्वस्थ और सुखी रखने का उपाए

Practicing Pranayama: इन दिनों देश दुनिया में मानसिक रोग...

Ayurveda से इलाज के लिए 5 करोड़ लोगों का किया जाएगा प्रकृति परीक्षण

केंद्रीय आयुष मंत्रालय (Union Ministry of AYUSH) देशभर में...