झारखंड के लोगों के लिए अच्छी खबर है। प्रदेश को अब अस्पतालों में भर्ती कर आयुर्वेद पद्धति से इलाज की सुविधा मिलेगी। वर्तमान में प्रदेश में आयुर्वेद पद्धति से उपचार के लिए केवल ओपीडी की सुविधा यानी मरीजों को देखने के बाद चिकित्सकीय परामर्श की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। लेकिन उन्हें इलाज के लिए भर्ती करने की सुविधा नहीं है, बल्कि अब यह सुविधा भी उपलब्ध होगी। केंद्र सरकार की मदद से प्रदेश के सात जिलों में आयुर्वेद अस्पताल खोले जाएंगे। इन जिलों में रांची और जमशेदपुर के साथ-साथ पलामू, गुमला, दुमका, देवघर और बोकारो शामिल हैं। रांची और जमशेदपुर में जहां अस्पताल की क्षमता 50-50 बेड की होगी.
इन 4 जिलों में 10-10 बेड के अस्पताल
पलामू, गुमला, दुमका, देवघर और बोकारो में 10 बेड के अस्पताल होंगे। इन अस्पतालों में ओपीडी सुविधा के साथ-साथ इनडोर सुविधा भी होगी। आयुष निदेशक डॉ. फजलस सामी के मुताबिक इन अस्पतालों में मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जाएगा। आयुर्वेद के चार निर्धारित फार्मूले के अनुसार नि:शुल्क उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसमें पंचकर्म चिकित्सा, क्षार सूत्र चिकित्सा और अन्य जटिल रोगों के उपचार के लिए मरीजों को भर्ती कर उनका उपचार किया जाएगा। केंद्र सरकार की मदद से प्रदेश के सात जिलों में आयुर्वेद अस्पताल खोले जाएंगे। इन जिलों में रांची और जमशेदपुर के साथ-साथ पलामू, गुमला, दुमका, देवघर और बोकारो शामिल हैं। रांची में जमीन चिन्हित कर ली गई है।
बोकारो के चास में अमृत गार्डन के पास जमीन चिह्नित
बोकारो के चास में अमृत गार्डन के पास जमीन चिन्हित कर ली गई है. अन्य जिलों में भी जमीन चिह्नित करने की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही जमीन का अधिग्रहण होने की उम्मीद है। जमीन मिलने के बाद ओपन टेंडर के जरिए भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
रांची आयुर्वेद अस्पताल के लिए जगह चिह्नित
रांची में 50 बेड के आयुर्वेद अस्पताल के लिए जगह चिन्हित कर ली गई है. कांके में संचालित टाटा कैंसर अस्पताल के बगल में आयुर्वेद अस्पताल बनाया जाएगा। उधर, जमशेदपुर में 50 बेड के आयुर्वेद अस्पताल के लिए उपायुक्त जमीन चिह्नित करेंगे. जबकि, पलामू, गुमला, दुमका, देवघर और बोकारो में बनने वाले 10 बेड के अस्पतालों के लिए जमीन चिह्नित की जा रही है.