Benefits of Viparita Dandasana: विपरीत दंडासन एक ऐसा आसन है, जिसको रोज़ करने से आपका शरीर तो लचीला होगा ही, साथ ही आपकी स्मरण शक्ति भी बेहतर होगी।
विपरीत दंडासन
विपरीत दंडासन (Viparita Dandasana) संस्कृत भाषा का एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है उल्टा या Inverted। दूसरे शब्द में ‘दंड (Danda)’ का अर्थ डंडा या (Staff) होता है, तीसरा शब्द ‘आसन’ का अर्थ, विशेष परिस्थिति में बैठने, लेटने या खड़े होने वाली मुद्रा, जिसको स्थिति या पोश्चर (Posture) भी कहते है।
विपरीत दंडासन के लाभ (Tremendous benefits of Viparita Dandasana)
ये आसन उन लोगों के लिए बहुत ही अच्छा रहता है, जिनको तुरंत ही गुस्सा आ जाता है या जिनका विशेष परिस्थितियों में दिमाग पर काबू नहीं रहता है, ये दिमाग को शांत करता है और एंग्जाइटी के स्तर को कम करता है।
दंडासन करने से पाचन प्रक्रिया होती है बेहतर, यानि आपकी खाने को पचाने की क्षमता को मजबूती मिलती है।
अगर दंडासन को लगातार करते हैं तो साइटिका की समस्या में भी काफी आराम मिलता है।
अगर आपकी हैमस्ट्रिंग टाइट है या आपको खिंचाव है तो ये आसन आपकी इस मसल को लचीला करता है।
रोजाना अभ्यास करने से आपका शरीर तो मजबूत होता ही है, साथ में पूरा शरीर लचीला बनाने के लिए विपरीत दंडासन बहुत फायदेमंद माना जाता है। इससे रीढ़ की हड्डी, हैमस्ट्रिंग, कंधे, गर्दन और पेट की मांसपेशियां मज़बूत होती है।
कैसे करें विपरीत दंडासन
सबसे पहले किसी साफ और समतल जगह पर योगा मैट बिछाएं।
अब शवासन की मुद्रा में लेट जाएं और दोनों पैरों की एड़ियों को धीरे-धीरे मोड़ें।
अब इन एड़ियों को मोड़कर घुटने के नीचे की ओर ले लाएं।
फिर हाथों को मोड़े और फर्श पर अपने कानों के पास लेकर आ जाएं।
अब सांस को छोड़ते हुए घुटनों को धीरे धीरे धड़ से दूर ले जाएं।
अब अपने कंधे, हिप्स और सिर को हवा में ऊपर उठा लें।
अब हाथों को मोड़कर सिर और पैरों के बीच में ले जाएं।
अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए बाएं हाथ को सिर के पीछे की ओर ले जाएं।
इसके बाद दाहिने हाथ को भी पीछे की ओर ले जाएं।
दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसाएं।
अब सिर को उठा कर फर्श पर लेकर जाएं।
सांसों की गति को धीमे रखें।
अब थोड़ी देर इसी पोजीशन में रहें और फिर धीरे धीरे वापस सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
सावधानियां
इस आसन को धीरे-धीरे आगे बढ़ाएं।
कभी भी कंधे या घुटनों पर अधिक दबाव नहीं डालना चाहिएं।
इस आसन को करने से पहले वॉर्मअप जरुर करना चाहिए।
योग्य योग गुरु के निर्देशों में ही इस आसन को किया जाना चाहिए।
अगर आपके पेट में दर्द हो तो इस आसन को नहीं करना चाहिए।