पिछले कुछ सालों में लोगों में सबसे बड़ी बीमारी बीपी और शुगर की हो गई है। इसके साथ साथ अन्य अधिकांश बीमारियां शरीर में टॉक्सिक के बढ़ने की वजह से होती जा रही हैं। अगर शरीर में जहरीले तत्व ज्य़ादा हो जाएं तो इन्हें बाहर करने के लिए आयुर्वेद में इन टॉक्सिक पदार्थों को निकालने के लिए पंचकर्म तो है ही, साथ ही साथ कुछ ऐसे खाने के ऐसे पदार्थ भी हैं, जो अगर भोजन के साथ में लिए जाएं तो यह टॉक्सिक पदार्थ शरीर में बनना बहुत ही कम हो जाएगा।
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आयुर्वेदाचार्य कृतिका उपाध्याय के मुताबिक, सबसे बड़ी बीमारी इस समय पर है जहर है, जोकि खाद्य पदार्थों के साथ ही हमारे शरीर में पहुंच रहा है, फिर वो चाहे फसलों में छिड़के जाने वाले केमिकल की वजह से हो या फिर नॉनवेज में ऑक्सीटोसिन की वजह से हो। लेकिन इन खाद्य पदार्थों की वजह से शरीर में ज़हर पहुंचता है और फिर वो धीरे धीरे शरीर के अंगों को खराब करने लगता है। इसकी वजह से जो बीमारियां होती हैं, उनमें थोड़े समय के लिए दवाएं खाने से आराम तो मिल जाता है। लेकिन दवाएं छोड़ने के साथ ही फिर से तकलीफ देने लगती हैं। आयुर्वेद में इसके लिए सात चीजें बताई गई हैं, जोकि भोजन में साथ लेने से टॉक्सिक पदार्थों का नकारात्मक प्रभाव बहुत ही कम हो जाता है या फिर खत्म हो जाता है।
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यह सात पदार्थ हैं, घी, शहद, तीसरा नवनीत मक्खन और चौथा पिपली, पांचवा सौंठ, छठा काली मिर्च और सातवां सेंधा नमक। यदि यह चीज रोज आप खाने में डालकर खा ले तो टॉक्सिक पदार्थ न्यूट्रलाइज हो जाता है। इसीलिए सभी लोगों की रसोई और खाने के टेबल पर यह होने चाहिएं।