आयुर्वेद के जरिए कैंसर के इलाज को लेकर चल रही बहस के बीच टाटा मेमोरियल अस्पताल ने खोपोली महाराष्ट्र में आयुर्वेद आधारित कैंसर के इलाज के लिए एक रिसर्च सेंटर बनाने जा रहा है। यह देश का पहला ऐसा निजी अस्पताल होगा, जहां आयुर्वेद से कैंसर का उपचार किया जाएगा।
इस अस्पताल में कैंसर पर रिसर्च भी किया जाएगा, लगभग 21 एकड़ जमीन पर 100 बेड के अस्पताल को अगले 2 सालों में तैयार कर लिया जाएगा। दरअसल आयुर्वेद के जरिए से कैंसर का इलाज देश में अलग-अलग जगह पर हो रहा है, लेकिन मॉर्डन मेडिसन और फार्मा लॉबी किसको लगातार नकारते रहे हैं और इसके खिलाफ गए बगाहे मरीज को भी भड़काते रहे हैं। कई बार इस इलाज को झोलाछाप तक कह दिया गया।
इस अस्पताल के तैयार होने के बाद कैंसर पर आयुर्वेद की दवाओं के प्रभाव पर रिसर्च भी होगी। अभी तक कैंसर के उपचार के लिए मुख्य तौर पर एलोपैथी का इस्तेमाल होता था और इसकी वजह से लोगों को बहुत ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता था। टाटा अस्पताल के कैंसर विभाग के प्रमुख डॉ पंकज चतुर्वेदी ने बताया कि एलोपैथी ट्रीटमेंट काफी खर्चीला है, आउट ऑफ पॉकेट एक्सपेंडिचर है, साथ ही इसके कई साइड इफेक्ट भी होते हैं। कई बार ट्रीटमेंट के दौरान कुछ मरीजों की स्थिति ऐसी हो जाती है कि मुंह से खाना नहीं खा पाते और इलाज के दौरान वह काफी कमजोर भी हो जाते हैं।
डॉक्टर चतुर्वेदी के मुताबिक कैंसर का आज भी कोई कारगर उपचार संभव नहीं है, इसलिए ऐसी दवाओं को खोजने का काम होना चाहिए, जो मौजूदा इलाज को बेहतर बना सके और कैंसर रोगियों पर ज्यादा असरदायक हों। एक बार अगर किसी मरीज को कैंसर हो जाता है तो जिंदगी भर उसके साइड इफेक्ट उसको सहने पड़ते हैं। इतना ही नहीं यह बीमारी दोबारा भी हो सकती है, इसलिए कैंसर के लिए एक बेहतर विकल्प की जरुरत है।
दरअसल बहुत बार मार्डन मेडिसन से इलाज कराकर परेशान होने के बाद बहुत से मरीज आयुर्वेद की शरण में जाते हैं। बहुत सारे मरीजों को आयुर्वेद से फायदा भी मिला है। लेकिन अब टाटा जैसे बड़े संस्थान के आयुर्वेद को लेकर एक प्राइवेट अस्पताल स्थापित करने के बाद भारत में आयुर्वेद को काफी बढ़ावा मिलेगा।