MLR Ayurveda Collage: देश में आयुर्वेद में शिक्षा, दवाएं और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर (Education, medicines and other infrastructure in Ayurveda) को लेकर बेशक केंद्र सरकार बेशक प्रयास कर रही हो, लेकिन आयुर्वेद के प्राइवेट कॉलेज अभी भी छात्रों से फीस लेकर उन्हें परेशान कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला हरियाणा के चरखी दादरी में एमएलआर आयुर्वेदिक कॉलेज में सामने आया है, जहां तीन साल की एडवांस फीस जमा करवाने के बावजूद कॉलेज में टीचर्स ही नहीं है। इसको लेकर छात्रों व अभिभावकों ने कॉलेज में हंगामा किया।
हंगामा कर रहे छात्रों और अभिभावकों ने कॉलेज प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अभिभावकों ने समस्याओं का समाधान नहीं होने पर कक्षाओं का बहिष्कार (Boycott of classes) करके यूनिवर्सिटी में शिकायत देने की बात कही है। एक छात्रा ने बताया कि हमारी तीन साल की फीस कॉलेज ने ले ली है, लेकिन हमें अभी दूसरे साल में ही प्रमोट किया गया है। पिछले एक महीने से कॉलेज में कोई क्लास नहीं लग रही है। अब हम इसपर अपने अभिभावकों को कॉलेज लेकर आए हैं तो हमारे साथ ही बदतमीजी की जा रही है। यह मुद्दा उठाने के कारण हो सकता है कि हमारे प्रेक्टिकल के मार्क्स भी ना लगाए जाएं। लेकिन हमें मज़बूर किया गया कि हम अपने माता पिता को कॉलेज में लेकर आएं।
बड़ी बात यह है कि नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसन (NCISM) भी प्राइवेट आयुर्वेदिक कॉलेजों की स्क्रूटनी करने के बाद ही एडमिशन का कोटा जारी करता है, साथ ही समय समय पर इंस्पेक्शन भी करता है, लेकिन इसके बाद भी बहुत से प्राइवेट कॉलेज अभी भी छात्रों को ढंग से नहीं पढ़ा रहे हैं, ऐसे में अच्छे आयुर्वेदिक डॉक्टर्स पैदा नहीं होंगे और सरकार का लोगों से आयुर्वेद पर भरोसा करने की कवायद फेल होने लगेगी। साथ ही अब बीएएमएस की डिग्री लेने के बावजूद भी मेडिकल रजिस्ट्रेशन तभी मिलेगा, जबकि वो रजिस्ट्रेशन वाली परीक्षा को पास कर लेगा, ऐसे में छात्रों के भविष्य पर ही सवाल खड़े हो गए हैं।