अगर आप भी रेगुलर आधार पर दवाइयां कहते हैं तो यह खबर आपके लिए भेज जरूरी है। ड्रग रेगुलेटर ने पेरासिटामोल सहित 59 दवाओं को क्वालिटी टेस्ट में फेल कर दिया है। और साथ ही साथ इन दावों के खिलाफ अलर्ट भी जारी कर दिया है। इस अलर्ट के बाद दवा कंपनियों को बाजार से अपनी दवा को हटाना पड़ेगा। जो दवाई क्वालिटी टेस्ट में फेल हुई है। वह ऐसी दवाएं हैं जो आम लोगों को रेगुलर तौर पर चाहिए होती हैं, जैसे कि बुखार, शुगर, बीपी, विटामिन, एंटीबायोटिक जैसी दवाएं। ये खबर बताती है कि फार्मा कंपनियां लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रही है और इससे करोड़ों बना रही है
ड्रग रेगुलेटर की रेंडम सैंपलिंग में 59 ड्रग्स को फेल कर दिया गया। केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन () में अगस्त महीने में सैंपलिंग की थी इन दावों की क्वालिटी खराब होने की वजह से इनको जिन दवाओं की क्वालिटी स्टैंडर्ड से काफी नीचे रही ,उनमें पेन-डी, पेरासिटामोल एंटीबायोटि,क बीपी शुगर, विटामिन कैल्शियम समेत कई दवाएं शामिल है। अलर्ट जारी होने के बाद दवा कंपनियों को इन्हें बाजार से हटाना होगा। सीडीएस के मुताबिक अगस्त के दौरान जांच में कुल 59 ड्रग्स मानकों के अनुरूप नहीं मिली। उनकी क्वालिटी में कमी पाई गई है। यह दवाएं आसानी से भूल नहीं पा रही है, इन दावों में जितनी मात्रा होनी चाहिए वह नहीं है और इसके साथ-साथ उनकी मैन्युफैक्चरिंग में भी कई समस्याएं हैं। सीडीएससीओ हर महीने देश के विभिन्न इलाकों में जाकर दबाव के नमूने इकट्ठे करता है। इसके बाद देशभर से आए करीब 30-40000 सैम्पल होता है। जुलाई महीने के दौरान 70 दावों की क्वालिटी ठीक नहीं थी। इससे पहले सरकार ने यह दवाएं आमतौर पर बुखार विटामिन पेन किलर और एंटीबायोटिक के तौर पर इस्तेमाल की जा रही थी।