Skin care in Monsoons: बारिश के मौसम में त्वचा को बेहतर करने के लिए करें आयुर्वेद के नियमों का पालन

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Skin care in Monsoons: गर्मी का मौसम देश के ज्यादातर हिस्सों में या तो चला गया है या जाने वाला है। मानसून धीरे-धीरे पूरे भारत में पहुंचने लगा है, ऐसे में चेहरे की त्वचा की देखभाल करना बहुत जरुरी हो जाता है। बारिश के मौसम में चेहरे पर मुहासे, फोड़े फुंसी तो होते ही हैं, साथ ही साथ चेहरा बेजान और मुरझाया हुआ हो जाता है। साथ में पूरे शरीर में स्किन इंफेक्शन होने का खतरा भी होता है। ऐसे में आयुर्वेद के जरिए स्किन को बेहतर किया जा सकता है।

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आयुर्वेद के मुताबिक जुलाई मध्य से लेकर सितंबर मध्य तक वर्षा ऋतु होती है और इस दौरान शरीर का अग्नि तत्व कम होने लगता है यानी कि जो मेटाबॉलिज्म है वह कम हो जाता है। इसलिए सही खाना पीना इस मौसम में बहुत जरूरी है। इस मौसम में वात दोष बढ़ जाते हैं, इसकी वजह से स्किन में ड्राइनेस होने लगती है। साथ ही साथ पित दोष भी उबर जाए तो स्किन पर इंफेक्शन हो जाता है। मौसम में ह्यूमिडिटी काफी हाई होती है। जिसकी वजह से स्किन से काफी पसीने निकलते हैं और त्वचा बेजान होने लगती है। बारिश के मौसम में इंफेक्शन से बचने के लिए आयुर्वेद में नीम का काफी इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद के मुताबिक, अगर आप नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर उस मुंह धोएंगे तो उससे काफी लाभ मिलेगा। इसके साथ ही साथ तुलसी और नीम के पत्तों का पैक बनाकर चेहरे पर लगाया जाना चाहिए, इससे वात तत्व शांत रहेगा, अगर इसमें एलोवेरा भी मिला लिया जाए और बहुत ही अच्छा यह पेस्ट बनेगा। इस मौसम में खीरे और चंदन की लकड़ी को स्क्रीन की टोनिंग के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

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खान पान की सावधानी जरुरी

बारिश के मौसम में खानपान का बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। इस मौसम में तेल और मसालों वाले खाने से दूर रहना चाहिए, क्योंकि पाचन तंत्र कमज़ोर हो जाता है। ऐसे में शरीर में विषैले तत्व जमा होने लगते हैं और इनका असर सबसे पहले शरीर की त्वचा पर ही होता है। इसलिए इस मौसम में सबसे ज्य़ादा स्किन इंफेक्शन होता है। इसलिए खाने में ज्यादा फाइबर वाला खाना खाया जाना चाहिए साथ ही जल्दी पचने वाले खाने को ही खाना चाहिए, ताकि वह जल्दी ही खाना पच जाए। इस मौसम में कोशिश करें की मीट कम खाएं इस मौसम में अगर वात तत्व को बैलेंस करना है तो उसके लिए घी और नट्स यानी कि बादाम, अखरोट इनका सेवन किया जाना चाहिए।

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