Black Fungus treatment in Ayurveda: आयुर्वेद ने ब्लैक फंगस के उम्मीद छोड़ चुके मरीज को बचाया
Black Fungus treatment in Ayurveda: कोरोना के बाद होने वाले ब्लैक फंगस का इलाज़ बेशक कई बार एलोपैथी तरीके से ना हो पा रहा हो, लेकिन आयुर्वेद में इस बीमारी का इलाज बहुत ही बेहतर तरीके से हो पा रहा है। गुजरात के डॉक्टर रजनीकांत पटेल ने ब्लैक फंगस के करीब 400 गंभीर और अति गंभीर मरीजों को ठीक किया है। कुछ मरीज तो ऐसे थे, जिनको विभिन्न् अस्पतालों से जवाब मिल गया था कि अब मरीज कुछ दिनों का ही मेहमान है।
वैद्य रजनीकांत पटेल ने www.ayurvedindian.com को बताया कि कोरोना के बाद ब्लैक फंगस का डर सभी लोगों में था, हमारे पास लगातार इस तरह के मरीज आ रहे थे। कुछ मरीजों की स्थिति तो बहुत ही खराब थी, इनमें से कुछ मरीजों की आंख में ब्लैक फंगस पहुंच गया था। ऐसी स्थिति में ऑपरेशन के जरिए आंख निकालना ही आखिरी रास्ता इलाज के अन्य तरीकों में बताया जाता है। लेकिन हमने आयुर्वेद के इलाज से इन मरीजों को ना सिर्फ ठीक किया, बल्कि अब ये ठीक प्रकार से देख भी पाते हैं। जबकि पहले इनका आईबॉल भी नहीं चल पाता था।


वैद्य रजनीकांत पटेल के मुताबिक, हमारे पास लगातार अब भी मरीज आ रहे हैं, हमने अभी तक पूरी तरह से आयुर्वेदिक तरीके से करीब 400 मरीजों का इलाज किया है। ब्लैक फंगस सदियो पुरानी बीमारी है और इसका जिक्र आयुर्वेद पद्धति में लिखा गया है। इसी का इस्तेमाल करते हुए हमने सभी मरीजों का इलाज किया है।
उम्मीद छोड़ चुके मरीज़ को किया ठीक
वैद्य रजनीकांत पटेल के मुताबिक, उनके सामने एक मरीज राइनो-ऑर्बिटो-सेरेब्रल म्यूकोरमायकोसिस का आया था। जिसमें नारायाण भाई बेड़ा नाम के मरीज को अस्पताल में बताया गया था कि म्यूकोरमायकोसिस का इलाज संभव नहीं है, क्योंकि बीमारी बहुत अधिक फैल चुकी थी। उनके परिवार के सदस्यों को सलाह दी कि वे अपने मरीज को घर ले जाएं और मरीज का बचना संभव नहीं है, मरीज सिर्फ कुछ दिनों के लिए जीवित रह सकता है। बाद में ये मरीज हमारे क्लिनिक आया और हमने इनका आयुर्वेदिक उपचार शुरू था। आयुर्वेदिक उपचार से मरीज धीरे-धीरे ठीक होने लगा और बहुत अच्छी प्रतिक्रिया देने लगा। आयुर्वेदिक इलाज के 6 महीने बाद वह अब पूरी तरह से ठीक हो गया है। साथ ही अब नारायण भाई बिना किसी सहयोग के अपनी दैनिक दिनचर्या की गतिविधि कर सकता है।