डेंगू-मलेरिया बुखार में बहुत फायदेमंद है गिलोय का सेवन, आयुर्वेद के अनुसार इस तरह खाने से होगा फायदा

मच्छर आमतौर पर ज्यादातर लोगों के लिए परेशानी का कारण होते हैं, चाहे घर पर हो या बाहर। लेकिन बारिश के मौसम में यह समस्या और मच्छरों की संख्या दोनों बढ़ जाती है। यह वह मौसम होता है जब मच्छर काटने से होने वाली बीमारियां मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, , पीला बुखार लोगों को सबसे ज्यादा परेशान करती हैं। अगर ऐसे बुखार के लक्षणों को समय रहते पहचाना और इलाज नहीं किया गया, तो व्यक्ति की जान को खतरा हो सकता है। ऐसे में आयुर्वेद व्यक्ति को अपनी इम्यूनिटी को मजबूत बनाकर इन बीमारियों से दूर रहने के लिए गिलोय का सेवन करने की सलाह देता है। आयुर्वेद में गिलोय को अमृत के समान उपयोगी बताया गया है।

गिलोय में मौजूद पोषक तत्व:

गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-वायरल, एंटी-बायोटिक, एंटी-एजिंग, एंटी-डायबिटिक और एंटी-कैंसर गुण होते हैं। इतना ही नहीं गिलोय को लंबे समय से चले आ रहे बुखार को ठीक करने में भी काफी कारगर माना गया है। यह डेंगू, स्वाइन फ्लू और मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारियों को ठीक करने में दवा की तरह काम करता है। इसके नियमित सेवन से शरीर में ब्लड प्लेटलेट्स और रेड ब्लड सेल्स की संख्या बढ़कर मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसे बुखार को रोकने में मदद मिलती है।

आयुर्वेद के अनुसार गिलोय का सेवन कैसे करें?

आयुर्वेद के अनुसार, गिलोय के पत्ते के तने को रात भर पानी में भिगोकर रखें। इसके बाद गिलोय के इस पानी को सुबह गिलोय के पत्तों और तने के साथ तब तक उबालें जब तक कि बेस न हो जाए। इस उबले हुए पानी को छानकर पी लें।

अगर आपके पास गिलोय के पत्ते नहीं हैं तो आप इसके पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए सुबह 1 टीस्पून गिलोय पाउडर को गुनगुने पानी और शहद के साथ मिलाकर खाली पेट पिएं।

सलाह-

आमतौर पर गिलोय का सेवन करने के कोई खास साइड-इफ़ेक्ट नहीं होते हैं, , इसके बावजूद गर्भवती महिलाएं या फिर आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है , इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

  • Related Posts

    राज्य अपने यहां खोले आयुष मंत्रालय और विभाग- प्रतापराव जाधव

    भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों में आयुष मंत्रालय और विभागों के निर्माण के लिए कहा है। केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री प्रताप राव…

    बच्चों में होने वाले रोगों पर राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ का सम्मेलन

    बच्चों को होने वाले रोगों (diseases affecting children) में किस तरह से आयुर्वेद बेहतर भूमिका निभा सकता है और बिना किसी साइड इफेक्ट के बच्चों की बीमारियां ठीक की जा…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    राज्य अपने यहां खोले आयुष मंत्रालय और विभाग- प्रतापराव जाधव

    राज्य अपने यहां खोले आयुष मंत्रालय और विभाग- प्रतापराव जाधव

    आयुर्वेद गौरव सम्मान’ से नवाजी गईं डॉ. वंदना सिरोहा

    आयुर्वेद गौरव सम्मान’ से नवाजी गईं डॉ. वंदना सिरोहा

    बच्चों में होने वाले रोगों पर राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ का सम्मेलन

    बच्चों में होने वाले रोगों पर राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ का सम्मेलन

    विलुप्त होते औषधीय पौधों को बचाने की पहल

    विलुप्त होते औषधीय पौधों को बचाने की पहल

    Ayurved: मीट और अंडे की बजाए खाएं यह तो मिलेगा भरपूर प्रोटीन

    • By एसk
    • July 17, 2025
    • 1273 views
    Ayurved: मीट और अंडे की बजाए खाएं यह तो मिलेगा भरपूर प्रोटीन

    Impact of Yoga Day: योग और ध्यान पर रिसर्च और क्लिनिकल ट्रायल्स में भारी बढ़ोतरी

    Impact of Yoga Day: योग और ध्यान पर रिसर्च और क्लिनिकल ट्रायल्स में भारी बढ़ोतरी