Home Ayurveda Vaat Dosh : इस आयुर्वेदिक जूस से पाए वात दोष में आराम

Vaat Dosh : इस आयुर्वेदिक जूस से पाए वात दोष में आराम

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आयुर्वेद (Ayurved ) के मुताबिक हमारे शरीर मे सिर्फ वात के बिगड़ने से ही 80 तरह की बीमारियां (Health Issues ) हो सकती हैं। वात दोष हवा से जुड़ा है । इस समस्या को काबू करने के लिए रोजाना पिएं ये आयुर्वेदिक (Ayurvedic Juice ) जूस।

खराब लाइफस्टाइल (LIfestyle )और खानपान की वजह से आज के समय में अधिकतर लोगों को ‘त्रिदोषों’ का सामना करना पड़ता हैं। बता दें कि हमारा शरीर तीन तरह की एनर्जी (Energy ) वात, (Vaat ) पित्त (Pitta ) और कफ (Kapha) से मिलकर बना है। अगर इनमें से कोई एक भी बेकाबू हो जाए तो आप तमाम बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। आयुर्वेद के मुताबिक हमारी कमर से लेकर पैर तक का हिस्सा वात का है। अब आप सोचेंगे कि आखिर ये वात क्या होता है तो बता दें कि जब हमारे शरीर में हवा (Air) सामान्य से कई गुना ज्यादा बढ़ जाती है तो उसे वात (Vaat ) दोष कहा जाता है

आयुर्वेद के मुताबिक इस समस्या से शिकार लोगों ने अगर समय रहते इसका इलाज नहीं किया तो करीब 80 रोगों के आप शिकार हो सकते हैं। अगर आप भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं तो इस आयुर्वेदिक जूस का सेवन कर सकते हैं। इससे आपको काफी राहत मिलेगी। 

वात के कारण होने वाली बीमारिया

  1. घुटने में दर्द
  2. हड्डियों में कैविटी
  3. शरीर में दर्द
  4. पैरों में ऐंठन
  5. रफ स्किन
  6. कमजोर शरीर

आयुर्वेदिक जूस ऐसे बनाए

  1. हरसिंगार (harsingar)
  2. निरगुंडी (Chinese chastetree)
  3. एलोवेरा (Aloevera )

हरसिंगार और निरगुंडी की कुछ पत्तियां और थोड़ा सा एलोवेरा का पल्प डालकर अच्छी तरह से ग्राइंड कर लें। इसके बाद इसे छानके सुबह इसका सेवन करें। 

वात में कैसे मिलेगा आराम

हरसिंगार

हरसिंगार को परिजात के नाम से भी जाना जाता है। इसमें टैनिक एसिड (Tannic acid ), Glycoside (ग्लाइकोसाइड) के अलावा विटामिन ए और सी (Vitmain A & C ) जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो वात संबंधी समस्याओं को काबू करने में मदद करते हैं।

निरगुंडी

निरगुंडी औषधीय गुणों से भरपूर होती है। इसे वात और कफ नाशक औषधि माना जाता है। इसमें एंटी बैक्टीरियल (Anti-Bacterial ) और एंटी इंफ्लेमेट्री (Anti-inflammatory) गुण पाए जाते हैं जो वात संबंधी समस्याओं को काबू करने में मदद करते हैं।

एलोवेरा 
एलोवेरा में विटामिन ए, सी, ई, (Vitamin A,C & E) फॉलिक एसिड (Folate), कोलीन (Choline ) , बी1, बी2, बी3 और बी6, कैल्शियम (Calcium,), आयरन (Iron), सोडियम (Sodium) जैसे तत्व पाए जाते हैं जो वात संबंधी समस्याओं को काबू करने में मदद करते हैं।

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