क्या आप जानते है रोजाना तुलसी के सेवन से सेहत सुधरती (tulsi leaf health benefits) है। आयुर्वेद (ayurved) के जानकारों ने इसे ‘जड़ी-बूटियों की रानी’ की उपाधि दी है। तुलसी का पौधा भारतीय संस्कृति (hindu traditions) में धार्मिक रुप से जाना जाता है। सर्दी-जुकाम (fever or cold )होने पर इसके गुणों की चर्चा होती है। यानी किसान अगर सही मार्गदर्शन में तुलसी के पौधों की बुवाई करें तो इससे उन्हें अच्छी आमदनी (earning) भी हो सकती है।
ओसिमम टेनुईफ्लोरम (Ocimum tenuiflorum)
इस रिपोर्ट में पढ़िए कि तुलसी में कौन से ऐसे औषधीय गुण होते हैं जिसकी मदद से इंसान अपनी सेहत सुधार सकता है। इस आलेख में हम बताएंगे की सालों भर लहलहाने वाले पौधे- तुलसी में ऐसे कौन से गुण हैं जिनसे यह लोगों की सेहत सुधारने के साथ साथ आर्थिक स्थिति भी मजबूत करता है। तुलसी का बोटैनिकल नाम (Ocimum tenuiflorum) है। इसे मिंट यानी पुदीना की फैमिली का पौधा माना जाता है। तुलसी का पौधा अपनी सुगंधित पत्तियों ,आयुर्वेदिक गुणों और हिन्दू संस्कृति के लिए लोकप्रिय है।
तुलसी के कई प्रकार (Types of Tulsi)
आमतौर पर तुलसी के पौधे की ऊंचाई 1 मीटर यानी लगभग 3-4 फीट तक होती है। तुलसी की पत्तियों के बनावट इनकी अलग-अलग प्रजातियों पर निर्भर होती है। तुलसी के पौधे की कई किस्में भारत में पाई जाती हैं जोकि आम भाषा में राम तुलसी, कृष्ण तुलसी, मंजरी तुलसी जैसे नामों से प्रचलित है।
कीजिए पत्तों का सेवन (Eat Tulsi Leaf)
तुलसी के पत्तों का सेवन करने से त्वचा संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। सुबह-सुबह ब्रश करने के बाद अगर आप 4-5 तुलसी के पत्ते धोकर खाते हैं तो यह आपकी इम्यूनिटी बूस्ट करता है। यानी आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। बीमारियों का अटैक कम होता है। सर्दी खांसी और जुकाम जैसी समस्याओं में भी तुलसी का घर- घर में उपयोग किया जाता है। विशेष रुप से कोरोना महामारी के दौरान तुलसी के पत्ते को उबालकर पीने की कई खबरें सामने आईं। कई लोगों ने अनुभव शेयर करते हुए बताया कि तुलसी के पत्ते का काढ़ा बनाकर पीने से गले की खरास दूर होती है।
सीने में जकड़न से निजात(Relief from Chest Tightness)
कई लोग तुलसी के पत्ते को चाय में भी उबालकर पीते हैं। तुलसी में कैम्फीन, सिनेओल और यूजिनॉल पाया जाता है। इनसे ठंड लगने की परेशानी दूर होती है। सीने में जकड़न का एहसास होने पर तुलसी के पत्तों का सेवन राहत दिलाता है।
दमा, खांसी और सर्दी से राहत (Relief from Asthma, Cough & Fever)
तुलसी में कई एंटी बैक्टीरियल और वायरल गुण भी होते हैं। इसकी इस विशेषता के कारण बुखार कम होता है। तुलसी के पत्तों का रस शहद और अदरख के साथ मिलाकर पीने से दमा, खांसी और सर्दी से राहत मिलती है। यहां तक कि इनफ्लुएंजा और ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याओं के इलाज में भी तुलसी के पत्तों का रस काफी असरदार होता है।
तनाव कम करे (Tulsi Stress relief)
तुलसी के पत्तों का सेवन करने से आप तनावमुक्त भी हो सकते हैं। तुलसी के पत्ते में योगिक साइड ए और बी पाया जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कंबीनेशन तनाव को कम करता है। इसके अलावा ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित रहता है। मस्तिष्क के लिए भी तुलसी काफी फायदेमंद है। तुलसी में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण भी होते हैं यानी आपके शरीर में अगर सूजन की समस्या है तो तुलसी का सेवन करने से सूजन भी कम होता है।
शरीर से टॉक्सिक एलिमेंट निकाले(Remove Toxic Elements From Body )
हमारी बिगड़ती जीवनशैली के कारण शरीर में कई ऐसे तत्व जमा हो रहे हैं जो टॉक्सिक हैं। यानी आम बोलचाल की भाषा में कहें तो ऐसी चीजें शरीर में जमा हो रही हैं जिन्हें जहरीली कहा जा सकता है। ऐसे में जहरीले अंश को शरीर से बाहर निकालना (डिटॉक्सिफाई करना) स्वस्थ जीवन के लिए जरूरी है। शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में तुलसी मदद करती है। तुलसी के पत्तों में मूत्र वर्धक गुण भी होते हैं।
गठिया के मरीजों को भी लाभ(Relief from Uric Acid in Body)
आयुर्वेद के जानकारों की मानें तो तुलसी के पत्तों के सेवन से शरीर में यूरिक एसिड का लेवल घटता है। ये किडनी में पथरी बनने का एक प्रमुख कारण है। यूरिक एसिड में कमी आने से गठिया के रोगियों को भी राहत मिलती है। यानी ऐसे लोग जिनके कंधे, कमर घुटने और अन्य जोड़ों में दर्द है, उन्हें तुलसी के पौधे से फायदा मिलता है। जोड़ों के दर्द को अर्थराइटिस यानी गठिया का ही एक प्रकार माना जाता है। आयुर्वेद के जानकारों की राय में तुलसी के पत्तों का सेवन करने से यूरिक एसिड का स्तर घटता है जिससे गठिया या गाउट मरीजों को राहत मिलती है।