Giloy: आयुर्वेद विज्ञान में गिलोय को क्यों कहा जाता है अमृत

Date:

Giloy: गिलोय के बारे में आपने काफी सुना होगा, पिछले कुछ समय से गिलोय के औषधीय गुणों और उससे बनी दवाओं के बारे में काफी कहा सुना गया है। काफी घरों में अब गिलोय की बेल लगाई भी जाने लगी है। लेकिन गिलोय क्या है, गिलोय का पौधा दिखने में कैसा होता है ? आयुर्वेद में गिलोय से बनी कई कामयाब औषधियां के बारे में हम आपको बताएंगे।
देश में बहुत सारे आयुर्वेद विशेषज्ञ गिलोय कई नामों जैसे अमृता, अमृत बेल, छिन्ना, गुड़ची, छिन्नोद्रवा, छिन्नकहा तथा चक्रांगी आदि नामों से पुकारते हैं। आयुर्वेद में ये इस बेल को हज़ारों सालों से कई बीमारियां ठीक करने के लिए जाना जाता है। कई रिसर्च में भी गिलोय की पहचान एक शक्तिशाली औषधी के तौर पर साबित हुई है। आयुर्वेद विज्ञान के लिहाज से गिलोय की जड़, फल तथा पत्ती का उपयोग औषधीय रूप में किया जाता है लेकिन इसका तना यानि डंडी का सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है।
गिलोय का पौधा एक लता यानि बेल होती है यह खेतों की मेंड़, घने जंगल में, घर के बगीचे में, मैदानों में लगे पेड़ों के सहारे कहीं भी गिलोय की बेल प्राकृतिक तौर पर बढ़ने लगती है। इसकी बेल की मोटाई एक अंगुली के बराबर होती है इसी को सुखाकर पाउडर के रूप में दवा के तौर पर उपयोग करते हैं | अक्सर इसे नीम और आम आदि के वृक्षों पर फैले हुए देखा जा सकता है। इसके पत्ते चिकने और पान की शक्ल वाले होते हैं । इसकी बेल पीले सफेद रंग की होती है। और पुरानी होने पर मोटी होती रहती यह कभी सूखती या खत्म नहीं होती है। अगर आपने इसे काट दिया तो भी ये फिर से तेज़ी से बढ़ने लगती है। यह पेड़ के सहारे ही चढ़ती है और उसके ऊपर फ़ैल जाती है ।
पतझड़ में इसके पत्ते झड़ जाते हैं और बरसात में इस पर फिर से नए सिरे से पत्ते आ जाते हैं। नीम के पेड़ पर फैलने वाली गिलोय को “नीम गिलोय” कहा जात हैं। बेल को हलके नाखूनों से छीलकर देखने पर इसके नीचे आपको हरा, मांसल भाग दिखता है। सामान्य सी दिखने वाली यह बेल कोई साधारण बेल नहीं होती है। इसमें अनेक आयुर्वेदिक गुण होते हैं। गिलोय में एंटी-ऑक्सीडेंट्स सबसे ज्य़ादा होते हैं। इसी वजह से ही यह इतनी प्रसिद्ध है | इसके अन्दर कैल्शियम, फास्फोरस, प्रोटीन और स्टार्च काफी भारी मात्रा में होता है। इसी वजह से इसका इस्तेमाल शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए किया जाता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

बच सकते हैं Kidney stone से अगर अपनाए यह आयुर्वेदिक उपाय

भारत में किडनी स्टोन डिजीज (केएसडी) काफी आम बीमारी...

Benefits of Moringa: किन किन बीमारियों में मोरिंगा हो सकता है रामबाण इलाज

आयुर्वेद की सबसे शक्तिशाली सब्जी मोरिंगा है जिसे मल्टीविटामिन...

World Ayurveda Congress के लिए मांगे गए रिसर्च पेपर्स

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 12 से 15 दिसंबर...

New Ayush education policy की तैयारियों में जुटा आयुष मंत्रालय

New Ayush education policy: आयुष क्षेत्र में शिक्षा को...